राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण ने नाबालिग के साथ बलात्कार मामले की पूरी जांच के लिए लिखा पत्र
भोपाल: राजधानी के संत हिरदाराम नगर की नाबालिग से बलात्कार के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान ले लिया है. आयोग ने भोपाल पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर जांच रिपोर्ट तलब की है. आयोग ने पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के साथ छात्रा की मेडिकल रिपोर्ट भी मंगवाई है. बता दें कि बिच्छू डॉट कॉम ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था. जिस पर अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने 10 दिन के भीतर घटना से जुड़े सभी दस्तावेज पेश करने को कहा है. गौरतलब है कि राजधानी के गांधीनगर क्षेत्र स्थित लक्ष्मी विक्योमल सराफ हायर सेकंडरी स्कूल संचालक के नाबालिग बेटे पर 16 साल की नाबालिग छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था. इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा 363,366,376,506 के तहत मामला दर्ज किया था. इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल नहीं करवाया। पुलिस की इस लापरवाही की वजह से आरोपी को जमानत मिल गई और वो खुलेआम घूम रहा है. आरोपी जमानत के बाद से पीड़िता और उसके परिजनों को धमका रहा है. पीड़िता के परिजनों ने पुलिस पर भी आरोपी पक्ष को संरक्षण देने का आरोप लगाया है
यह है पूरा मामला
19 अगस्त को लक्ष्मी विक्योमल सराफ हायर सेकेंडरी स्कूल संचालक का बेटा छात्रा को किताब दिलाने का कहकर अपनी एक्टिवा गाड़ी पर बैठा कर सीहोर रोड स्थित मोमेंट्स कैफे एंड रेस्टोरेंट (हुक्का लाउंज) में ले गया था. जहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोशी की हालत में छात्रा से दुष्कर्म किया और उसके नग्न फोटो खींचे. साथ ही छात्रा का अश्लील वीडियो बना लिया. उसके बाद से आरोपी पीड़िता को लगातार धमका रहा है. घटना के बाद आरोपी पीड़िता को उसके दोस्तों के साथ भी सेक्स करवाने का दबाव बनाता रहा. जब पीड़िता नहीं मानी तो आरोपी ने 22 अगस्त को छात्रा के नग्न फोटो सोशल साइट इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिए. जब पीड़िता के भाई ने इंस्टाग्राम पर बहन के अश्लील फोटो देखें तो उसने अपने माता-पिता को बताया. डरी-सहमी युवती से जब उसकी मां ने पूरी बात पूछी तब कहीं पीड़िता ने आपबीती बताई । इसके बाद 27 अगस्त को छात्रा के परिजन पीड़िता को लेकर महिला थाना पहुंचे और उन्होंने आरोपी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई. पीड़िता के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली लेकिन ब्लैकमेलिंग की धारा नहीं लगाई. परिजनों का यह भी आरोप है कि पुलिस ने पीड़िता के अश्लील फोटो भी डिलीट करवा दिए। पुलिस ने पीड़िता को एफ आई आर की कॉपी भी तब दी जब आरोपी की जमानत हो गई. बलात्कार के केस में जमानत मिलने के बाद अब आरोपी खुलेआम घूम रहा है और पीड़िता और पीड़िता के परिजनों को धमकी दे रहा है. इतना ही नहीं आरोपी पक्ष पीड़िता के पिता को झूठे केस में जेल कराने की धमकी भी दे रहा है. पीड़िता और उनके परिजनों ने इस मामले में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी न्याय की गुहार लगाई है. आरोपी पक्ष अपने रसूख और पैसे के दम पर खुलेआम पीड़िता को धमका रहा है.
सवालों के घेरे में पुलिस की जांच
इस पूरे मामले में पुलिस की जांच संदेह के घेरे में है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद छात्रा का मेडिकल क्यों नहीं करवाया? पुलिस ने सीहोर रोड स्थित मोमेंट्स कैफे एंड रेस्टोरेंट (हुक्का लाउंज) के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? पुलिस ने होटल मालिक से पूछताछ क्यों नहीं की? पुलिस ने होटल के सीसीटीवी फुटेज क्यों नहीं लिए? पुलिस ने ब्लैकमेलिंग की धारा क्यों नहीं लगाई? एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने पीड़िता को तत्काल एफआईआर की कॉपी क्यों नहीं दी? यह वो सवाल हैं जो पुलिस की जांच पर उठ रहे हैं.