किन चार सीट की बात कर रही है बीजेपी : कमलनाथ
भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सरकार गिरने के बाद उपचुनाव में कांग्रेस की नैया पार लगाने पूरी गंभीरता से रणनीति बनाने में जुटे हैं. उनका स्पष्ट कहना है कि यह मध्यप्रदेश के भविष्य का चुनाव है. हम सत्ता में फिर लौटेंगे. साफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे पर नाथ ने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भाजपा ने धर्म की एजेंसी ले रखी है क्या. हमारे हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा के पेट में दर्द क्यों हो रहा? नाथ का कहना है कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस ने स्वागत किया. हमारी भी धार्मिक भावनाएं हैं. छिंदवाड़ा में मैंने हनुमान मंदिर बनवाया. हम सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पढ़ते हैं. इससे भाजपा के पेट में दर्द क्यों हो रहा. हम धर्म की राजनीति नहीं करते. ये देश जानता है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने 1989 में राम मंदिर का ताला खुलवाया था. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के असामाजिक पतन के कारण जो योजनाएं और काम हमने शुरू किए थे पूरे नहीं हो पाए. पिछले चुनावों में लक्ष्मण सिंह, डॉक्टर गोविंद सिंह, केपी सिंह, रघुराज कंसाना और कमलेश जाटव की जीत में सिंधिया फैक्टर नहीं था. हम सभी सीटें फिर जीतेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा 27 में से सिर्फ 4 सीटें ऐसी बता दे जिन पर वह जीत का दावा करती हो. नाथ ने ये भी कहा कि यह बात सही है कि कोरोना संक्रमण के चलते हमारी बैठकें फिलहाल नहीं हो पा रही लेकिन सभी नेता संपर्क में है.
मध्य प्रदेश के लिए मैं यहीं डटा हूं
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि मैंने 20 मार्च को इस्तीफा दिया था. मैं सामान बांधकर छिंदवाड़ा या दिल्ली नहीं गया. यहीं डटा हूं, चुनाव पर हमारी पूरी तैयारी है. पहले की तरह 16 से 18 घंटे काम में जुटा हूं. मुझे सीएम पद का कोई क्रेज नहीं है. कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुका हूं, सर्वाधिक चुनाव लड़े और जीते भी. वे कहते हैं मैंने कई पीढ़ियों के साथ काम किया. लेकिन वह दौर अलग था अब हमें वर्तमान देखना है.
उपचुनाव पर सर्वे हमारे पक्ष में
पीसीसी चीफ ने कहा कि हमने तीन एजेंसियों से अलग-अलग सर्वे कराए हैं. सभी में कांग्रेस की जीत पक्की है। कांग्रेस ने रणनीतिक तैयारी की है. विधानसभा से लेकर मंडल और बूथ स्तर तक जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. हालांकि प्रत्येक सीट पर टिकटार्थी ज्यादा हैं, लेकिन जीतने वाले को ही मैदान में उतारेंगे. उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बारे में दुष्प्रचार किया गया कि वे पर्दे के पीछे सरकार चलाते थे. हमें बराबर उनका सहयोग मिल रहा है.