किसानों के हज़ारों एकड़ जमीन वन क्षेत्र बता छीनने की साजिश
भोपाल। इससे ही समझे जा सकते हैं कि इसमें किसानों की करीब दो हजार एकड़ जमीन को वन क्षेत्र बता दिया गया है। दरअसल यह पूरा खेल जिम्मेदारों द्वारा रसूखदार लोगों के फायदे के लिए खेला जा रहा है। इसके लिए अफसरों ने रायसेन रोड के किनारे दो हजार एकड़ से अधिक भूमि को ड्राफ्ट की आर 5 श्रेणी में रखकर वन क्षेत्र घोषित कर दिया है। इस कारनामें का खुलासा होने के बाद भू-स्वामी किसानों में जमकर नाराजगी फैल गई है। यह तो महज गड़बड़झाले की एक बानगी भर है। दरअसल शहर के रायसेन रोड, बैरसिया रोड, विदिशा रोड की ओर कोई बड़ा जलस्रोत, वन या पहाड़ी क्षेत्र नहीं होने की वजह से इन मार्गों पर लगातार विकास हो रहा है, जिसे मानने की जगह, इसे अनदेखा कर दिया हैै। दरअसल चंदनपुरा, मेंडेरा-मेंडोरी समेत केरवा-कलियासोत के बाघ भ्रमण वन क्षेत्र को कम करने की भरपाई करने के लिए यह पूरा कारनामा किया गया है।
किसान करेंगे आंदोलन:
चोर सागोनी स्थित 25 एकड़ कृषि जमीन के मालिक गजराज सिंह का कहना है कि उनकी जमीन को गलत रूप से वन उपयोग की बता दी गई है। इसी तरह से दूसरे किसान तहसीन खान का कहना है कि यहां किसी तरह भी वन क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति नहीं है। फिर भी वन क्षेत्र बताना समझ से बाहर है। भूमि स्वामी आशीष दुआ का भी कहना है कि यहां की जमीन पर उद्यम, आईटी पार्क और इसी तरह के काम किए जाने चाहिए थे, लेकिन वन भूमि बताकर क्षेत्र के विकास पर ही रोक लगा दी गई है। एक अन्य किसान केवल सिंह का कहना है कि इस पर हम आपत्ति जता चुके हैं। अब सभी मिलकर हर मंच पर आवाज उठाकर इसके खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।
वजह कुछ ऐसी है:
दरअसल शहर का लगभग पूरा वन इलाका केरवा से कलियासेत और कोलार डैम की तरफ है। शहर के इसी दक्षिणी भाग में बड़ा तालाब और उसका कैचमेंट क्षेत्र भी शामिल है। ऐसे में कैचमेंट और वनक्षेत्र में निर्माण के रास्ते खोलने की साजिश की जा रही है। यह सब रसूखदारों और बिल्डरों को फायदा पहुंचाने की कवायद है।