मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इंदौर में सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल का शुभारंभ किया
इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार दोपहर इंदौर में सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया। अस्पताल को अभी सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए शुरू किया जा रहा है। सुपर स्पेशिएलिटी की सेवाएं कुछ समय बाद मिलेंगी।
मुख्यमंत्री इंदौर पहुंचने के पहले देवास के खातेगांव पहुंचे और बारिश से खराब फसल का जायजा लिया। सीएम ने किसानों से कहा कि 6 सितंबर को 4 हजार 500 करोड़ रुपए 19 लाख किसानों के खातों में डलवाए जाएंगे। शिवराज ने कहा कि मामा सीएम हैं, चिंता क्यों कर रहे हो। जरूरत पड़ी तो कर्ज ले लेंगे, या कोई अन्य काम बंद कर देंगे, पर किसानों पर आंच नहीं आने देंगे। यहां से मुख्यमंत्री इंदौर के लिए रवाना हुए।
जटिल न्यूरो, कार्डियक और प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा
402 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी, कार्डियक सर्जरी, मेडिकल गेस्ट्रोइंलॉजी, सर्जिकल गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी, प्लास्टिक एवं रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के साथ ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा भी होगी। ऐसा ये मध्यभारत का एकमात्र अस्पताल होगा, जहां एक फ्लोर अंगदान के लिए रिजर्व रहेगा।
यहां हार्ट, किडनी, लिवर ट्रांसप्लांट के लिए विशेष यूनिट है, जो प्रदेश के किसी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में नहीं है। सारे ओटी एक-दूसरे से कनेक्टेड (इंटीग्रेटेड) हैं। छात्र सेमिनार या कॉन्फ्रेंस हॉल में बैठकर लाइव सर्जरी देख सकेंगे। सरकार ने यहां 24 पीजीएमओ, 112 डॉक्टर, 253 नर्स, 204 सफाई कर्मचारी, 102 सुरक्षाकर्मी के पद मंजूर किए है।
ऐसे पड़ी थी एमवाय की नींव
1939 में विश्व युद्ध के दौरान महाराजा यशवंतराव होलकर बीमार पड़ गए। वे इलाज के लिए अमेरिका गए। उन्हें पेट में चांदी की पसली लगाई गई। उन्हें लगा कि अगर जनता को ऐसा कुछ हो तो वह कहां जाएगी। इस पर उन्होंने सरकार को मुफ्त जमीन के साथ 30 लाख रुपए दिए और 6 जून 1948 को एमवायएच की नींव रखी गई। 18 फरवरी 1950 को काम शुरू हुआ। 26 अक्टूबर 1956 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री गोविंद वल्लभ पंत ने इसका उद्घाटन किया था