जयंती विशेष : हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को आखिर कब मिलेगा “भारत रत्न”
नई दिल्ली : हॉकी के जादूगर ध्यानचंद ने अभाव और गुलामी के बावजूद देश का सर गर्व से ऊंचा कर दिया था। हिटलर के उस आमंत्रण को ठुकरा दिया जिसमें जर्मनी की नागरिकता और सेना में बड़ा ओहदे को ठुकरा दिया था। सिर्फ देश के लिए, लेकिन देश की आजादी के 70 साल से अधिक होने के बावजूद देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से आज भी ध्यानचंद को वंचित रखा गया है।
मेजर ध्यानचंद ‘दद्दा’ का भारतीय होना हर देशवासी के लिए गर्व का विषय है। सरकार ककी तरफ से उन्हें पद्मभूषण समेत कई पुरस्कार प्रदान किया गया। उनके नाम पर सन 2002 में नेशनल स्टेडियम का नाम भारत में मेजर ध्यानचंद के नाम पर किया गया। इसके साथ मेजर ध्यानचंद की मूर्ति स्टेडियम के द्वार पर लगाया गया।
नेनशनल स्टेडियम का नाम मेजर ध्यानचंद किया गया
भारत के तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम राष्ट्र को समर्पित किया और इस अवसर पर तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी जी ने मेजर ध्यानचंद के 1936 बर्लिन ओलंपिक के स्वर्ण पदक जितने की यादों को भावनात्मक रूप से ताजा करते हुए कहा कि मेजर ध्यानचंद ने भारत के लिए लगातार तीसरा ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतकर भारत का स्वाभिमान पूरी दुनिया में प्रतिस्थापित कर दिया था और इसीलिए आज नेशनल स्टेडियम के नाम के साथ मेजर ध्यानचंद का नाम जोड़ा जा रहा है।
वर्ष 2005 में दद्दा का ऐतिहासिक जन्मशताब्दी समारोह
मेजर ध्यानचंद ‘दद्दा’ का नाम- 2005 में मेजर ध्यानचंद के जन्म दिन को जन्मशताब्दी समारोह के रूप में मनाया गया था। सन 2005 में हॉकी के जादूगर विश्व रत्न मेजर ध्यानचंद की जन्म शताब्दी पूरे देश में हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य कार्यक्रम हीरोज ग्राउंड समाधि स्थल झांसी में आयोजित किया गया। जिसमें देश भर के महान हाकी खिलाड़ियों को आयोजन में आमंत्रित किया गया था। जिसमें 1975 के हॉकी के विश्व विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य एचजेएस चिमनी, अशोक कुमार ध्यानचंद ने सेना मुख्यालय में ले. जनरल महेंद्र सिंह से मुलाकात करते है और पंजाब रेजीमेंट सेंटर रामगढ़ को भी आमंत्रित किया था। 29 अगस्त 2005 को हीरोज ग्राउंड मेजर ध्यानचंद समाधि स्थल झांसी पर भारत के महान हॉकी खिलाड़ी 1964 भारतीय हॉकी टीम के स्वर्ण पदक विजेता कप्तान कैप्टन चरणजीत कुमार, कर्नल हरिपाल कौशिक के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
अपने नायक और हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी को श्रद्धाजंलि और नमन करने उमड़ पड़ा था। भारतीय हॉकी परिवार मेजर ध्यानचंद के 100 वे जन्मदिन को मनाने झांसी हीरोज मैदान पर उपस्थित हो गया होगा। इसमें विश्व प्रख्यात ओलंपियन एवं अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह, मुखबेन्न सिंह चार्ल्स कार्नवालिस, वीरेंद्र सिंह, अशोक कुमार, बीपी गोविंदा अशोक दीवान , लेजली फर्नांडिस,ओंकार सिंह ,जफर इकबाल, एम एम सौम्या ,मर्विन्न फर्नांडिस ,विनीत कुमार,अरविंद छाबड़ा, हरेंद्र सिंह, जलालुद्दीन रिजवी,सुजीत कुमार,संजय बिस्ट , कुमार आशीष बल्लाल,हसरत कुरैशी, सुबोध खांडेकर,अब्दुल अजीज,जमशेर खान , जे पी यादव समेत बड़ी संख्या में जनमानस मौजूद थे।
ओलंपिक एवम अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ियों ने 1857 भारतीय स्वतंत्रता के लिए क्रांति की अलख जगाने वाली, अंग्रेजो से लोहा लेने वाली वीरांगना लक्ष्मीबाई को नमन और याद करते हुए उनके किले से हीरोज ग्राउंड मेजर ध्यानचंद समाधि स्थल तक पैदल मार्च निकला।
इस पदयात्रा में खरगोन निवासी ध्यानचंद के दीवाने तारक पारकर तिरंगा हाथ में थामे अपनी 800 किलोमीटर लंम्बी पदयात्रा लेकर खरगोन से झांसी पैदल मार्च में शामिल हुए।
फिट इंडिया पर याद किए गए ‘दद्दा’
पिछले राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त 2019 के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेजर ध्यानचंद उर्फ दद्दा को याद करते हुए देश के सबसे बड़े महत्वाकांक्षी कार्यक्रम फिट इंडिया की शुरुआत की और अपने मन कि बात कार्यक्रम में ध्यान चंद जी को याद करते हुए उन्होने कहा कि ध्यानचंद जी के अतुलनीय योगदान को देश कभी नहीं भुला सकता।
जयंती पर राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह
29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर राष्ट्रीय खेल पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति महोदय द्वारा वितरित किए जाते हैं जो हम सभी के लिए एक गौरवपूर्ण दिन के रूप में याद किया जाता है।