सुशांत के दिमाग का होगा अब पोस्टमार्टम, CBI करेगी साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी
मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस की जांच सीबीआई तेजी से आगे बढ़ा रही है. हालांकि अब इस जांच के दरमयान जब से ‘साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी’ नाम का टर्म सामने आया है तब से बहुत से लोग इसे लेकर कनफ्यूज हो रहे हैं. चलिए ये समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी का मतलब क्या है और ये क्यों की जाती है.
क्राइम रिपोर्टिंग में 25 साल का अनुभव रखने वाले आज तक के सीनियर जर्नलिस्ट शम्स ताहिर खान ने ग्राउंड जीरो से बताया कि साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी असल में दिमाग का पोस्टमॉर्टम है. लेकिन साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी तभी होती है जब आप कहीं न कहीं आप इसे सुसाइड के साथ जोड़कर देखते हैं.
उन्होंने बताया कि क्योंकि पुलिस या सीबीआई जब ये करती है तो ऐसे सुनंदा पुष्कर केस में…. तो ये देखते हैं कि क्या ये सुसाइड है. अगर हां तो उस वक्त उसकी मानसिक हालत क्या थी? इसमें ये देखा जाता है कि मौत से हफ्ता दस दिन पहले तक उसके बर्ताव में क्या बदलाव आए.