गद्दार,गद्दार ही होता है वो किसी का सगा नहीं होता है : देवाशीष झारिया
जब कभी भी कोई किसी के साथ गद्दारी करता है तो उससे आगे ये उम्मीद भी होती है की भविष्य में भी वो ऐसा कदम उठा सकता है, इस बात को बीजेपी को मद्देनज़र रखना भी जरुरी है.जो इंसान अपने गढ़ के साथ न्याय नहीं कर पाया वो किसी और के साथ क्या विश्वास निभायेगा. सिंधिया परिवार के बारे में कौन नहीं जनता? हमेशा से कांग्रेस के साथ एक विश्वास की डोर को थाम के रहा है लेकिन किसे पता था की उस डोर को काटने वाला और दगा देने वाला भी उसी खानदान में जन्म लेगा.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराज सिंधिया ने अपने विश्वास और दायित्वों से कांग्रेस को ग्वालियर में एक नयी पहचान दी जिससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं है.
1984 में कांग्रेस ने अंतिम समय में माधवराज सिंधिया को गुना की बजाय ग्वालियर से चुनाव लड़ाया था.यहां से उनके सामने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मैदान में थे. उन्होंने वाजपेयी को भारी मतों से हराया था और ग्वालियर में कांग्रेस का गढ़ बना दिया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के साथ साथ अपने पिता के साथ भी गद्दारी की क्योंकि उन्होंने कांग्रेस के लिए अपनी अंतिम सांस तक दी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पल में मिट्टी पलित कर दी.
22 अगस्त को ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर पहुंचे थे. भाजपा में शामिल होने के बाद वो पहली बार ग्वालियर दौरे पर थे. भाजपा में शामिल होने और कांग्रेस के साथ दगाबाजी लोगों को रास नहीं आ रही थी. ग्वालियर में कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोध में नारे लगाए गये. ग्वायलिर में पहली बार इतनी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हुए. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिंधिया वापस जाओ के नारे भी लगाए थे.
कांग्रेस नेता देवाशीष झारिया ने कहा- आजादी के बाद से अब तक सिंधिया जी के विरुद्ध सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन था. सिंधिया गद्दार है के नारों से पूरा ग्वालियर गूंजा. वहीं, दिग्विजय सिंह ने सिंधिया का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं को बधाई भी दी. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा- ग्वालियर कांग्रेस के समस्त कार्यकर्ताओं को भाजपा के ‘नए’ और पुराने नेताओं का सड़कों पर आकर विरोध करने पर हार्दिक बधाई!