ना सुविधा और बदबूदार खाना कोरोना मरीजों ने किया हंगामा
ग्वालियर। श्रमोदय कोविड सेंटर में कोरोना मरीजों ने रविवार की रात करीब 8 बजे बिगड़ी व्यवस्थाओं को लेकर जमकर हंगामा किया। मरीजों का आरोप था कि उन्हें बदबूदार खाना दिया गया है। जिस स्थान पर उन्हें भर्ती किया गया, वहां पर गंदगी पसरी है। जिन कमरों में मरीज भर्ती हैं वहां पर कभी सैनिटाइजेशन नहीं किया जाता न ही मरीजों के बीच शारीरिक दूरी का पालन हो पा रहा है। झाडू भी दिन में एक बार लगाई जाती है। बदबूदार भोजन, गंदगी और बिना दवाओं के कोरोना को कैसे हराएंगे, बल्कि यहां से अन्य बीमारियों को अपने साथ घर लेकर जाएंगे। कुछ मरीजों ने तो यहां तक आरोप लगाए कि उन्हें बिना जांच के ही कोरोना पॉजिटिव बताकर भर्ती कर दिया है।
अनदेखी से बिगड़ी बच्चे की हालत-
श्रमोदय में बाला बाई का बाजार निवासी युवक कोरोना का इलाज ले रहा है। उसका कहना था कि जिस दिन भर्ती हुए उसी दिन दवा पकड़ा दी जाती है। शनिवार को एक बच्चे ने अधिक दवा का डोज ले लिया, जिसके कारण उसकी हालत बिगड़ गई तो उसे दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया।
गंदगी में रख रहे और बदबूदार खाना दे रहे-
मुरार निवासी 35 वर्षीय महिला का आरोप है कि मरीजों को बदबूदार खाना दिया गया। रोटी और सब्जी में बदबू आ रही थी। बासा खाना खाकर मरीज ठीक होगा या बीमार, दवा भी देते नहीं। यहां पर न सफाई की जाती है न ही सैनिटाइजेशन होता है। मरीज यहां से अपने घर ठीक होकर नहीं बीमारी लेकर जाएगा।
पॉजिटिव दंपती के साथ निगेटिव बच्चे-
रविवार की सुबह पुरानी छावनी के रहने वाले कोरोना पॉजिटिव दंपती के साथ उनके पांच व दो साल के बच्चे भी साथ पहुंचे। दंपती का कहना है कि बच्चों की जांच ही नहीं हुई। एंबुलेंस लेने पहुंची तो हम लोगों ने होम क्वारंटाइन के लिए कहा, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
वृद्घ किसान को बिना जांच के कर दिया भर्ती-
श्रमोदय में एक टिहोली उटीला का वृद्घ किसान भर्ती है। उसका आरोप है कि वह खेत में भैंस चराकर लौटा था। अफसरों ने उसका नाम पूछा और कहने लगे कि तुम कोरोना पॉजिटिव हो। इसके बाद यहां पर लाकर भर्ती कर दिया। जबकि उसने कोरोना की जांच ही नहीं करवाई तो वह पॉजिटिव कैसे आ गया। इसका परिजन ने विरोध भी किया तो उन्हें चुप करवा दिया।