अस्पताल का स्टाफ मांगता है पैसे, डॉक्टर को जानकारी नहीं
ग्वालियर कोरोना के गंभीर मरीजों का जेएएच के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में बुरा हाल है। मरीजों का कहना है कि डॉक्टर तो बेहतर इलाज दे रहे हैं, लेकिन स्टाफ की अनदेखी के कारण मरीजों की जान संकट में आ सकती है। आलम यह है कि यदि मरीज की ऑक्सीजन निकल जाए तो उसे लगाने के लिए पैसे मांगे जाते हैं। जो मरीज पैसे नहीं दे पाते उनकी देखभाल भी उतनी कम की जाती है। रात के समय यह संकट और भी अधिक गहरा जाता है। मरीज के बुलाने पर भी स्टाफ उपलब्ध नहीं होता। यह बात सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के आइसीयू में भर्ती रहे मरीज ने बातचीत के दौरान बताई।
यह कहना है मरीजों का-
लोहिया बाजार का मरीज-
लोहिया बाजार निवासी कोरोना संक्रमित वृद्घ का इलाज सुपर स्पेशियलिटी में चल रहा है। वृद्घ ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें आइसीयू में रखा गया था। जहां पर उसे ऑक्सीजन दी जा रही थी। डॉक्टर तो बेहतर इलाज दे रहे हैं, लेकिन देखभाल के लिए तैनात स्टाफ लापरवाही करता है। स्टाफ हर काम का पैसा मांगता है, उन्हें भी डायपर बदलवाने के लिए 4 से 5 दिन में 400 रुपये खर्च करने पड़े हैं। बिना पैसों के कोई काम नही करते। रात में स्टाफ भी नहीं आता, जिसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मुरैना का मरीज –
मुरैना निवासी वृद्घ का भी कोरोना के चलते सुपर स्पेशियलिटी के आइसीयू में इलाज हो चुका है। उनका भी यही कहना है कि हर काम का स्टाफ पैसा मांगता है। डॉक्टर इलाज कितना भी अच्छा कर लें, लेकिन देखभाल ठीक से न हो तो समस्या खड़ी हो जाती है। भर्ती मरीज इसलिए शिकायत करने से डरते हैं कि जो देखभाल हो रही है कहीं उनकी शिकायत करने से वह भी बंद न हो जाए।
डाक्टर कहते हैं –
पैसा मांगना गलत है यदि ऐसा कोई कर रहा है तो मैं जांच करवाता हूं और दोषी के खिलाफ कार्रवाई करूंगा। मरीज का इलाज व देखभाल करना हमारी प्राथमिकता है।
डॉ.गिरजा शंकर गुप्ता, अधीक्षक, सुपर स्पेशियलिटी