क्यों ‘टाइगर’ को अपने अभ्यारण में आने के लिए सीएम व पुलिस की सुरक्षा लेनी पड़ी : के. के. मिश्रा
ग्वालियर : पूर्व कांग्रेसी नेता और छह महा से भाजपा में शामिल हुए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य के छह माह बाद ग्वालियर आने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी (ग्वालियर-चम्बल संभाग) के.के. मिश्रा ने पूछा कि छः माह से गायब ग्वालियर आये भाजपाई ज्योतिरादित्य सिंधिया यदि असली टाइगर है तो उन्हें अपने ही अभ्यारण में घुसने के लिये मुख्यमंत्री और के प्रोटोकॉल सुरक्षा और पुलिस की क्यों जरूरत पड़ी। उन्होंने भाजपा के सदस्यता अभियान के प्रचार एवं फर्जी सदस्यता सूची के माध्यम से सिंधिया ने झूठी वाहवाही बटौरने का असफल प्रयास की आलोचना की है।
के. के. मिश्रा ने कोरोना कहर को लेकर ग्वालियर जिला प्रशासन पर भी दोहरे आचरण का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर इसकी आड़ में कांग्रेस के गांधीवादी प्रदर्शन को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। “विघ्नहरण भगवान गणेश” की स्थापना हेतु पंडालों का निर्माण नहीं होने दिया वहीं पूरे प्रदेश में कोरोना फैला रही भाजपा, उसके नेताओं व राज्य सरकार के दबाब में “विघ्नकरण सिंधिया” को मजबूती प्रदान करने के लिये कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुये सुसज्जित डोम बनवाया और धारा-144 का भी खुद ही उल्लंघन किया। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन के अनुचित दबाब के बावजूद भी पांच हजार से अधिक कांग्रेसजनों ने अपने पूर्व घोषित प्रदर्शन में हिस्सेदारी कर गिरफ्तारी दी और इतने ही पार्टीजनों को ग्वालियर के चारों ओर की सीमाओं से पुलिस ने उन्हें और उनके वाहनों को रोक दिया था।
वीरांगना लक्ष्मीबाई की उपेक्षा पर हमला
के. के. मिश्रा ने स्वतंत्रता संग्राम की नायिका वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर न जाने और उनका नाम तक नहीं लिया जाने पर तीखा विरोध दर्ज कराते हुये कहा कि ऐसा न कर उन्होंने लक्ष्मीबाई के हत्या के षड़यंत्र मे शामिल परिवार और स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज हुकुमत का साथ देने वाली अपनी ही विचारधारा के पूर्व चरित्र का स्मरण करा दिया है।