जंडेल फिर बोले- भाजपा के बड़े नेता ने दिया 50 करोड़ का ऑफर,भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा- अपनी बोली लगा रहे विधायक, सत्यवादी हैं तो बताएं नाम-नंबर
कांग्रेस के श्योपुर विधायक बाबू जंडेल ने एक बार फिर से भाजपा पर निशाना साधा और विधायक खरीदने का आरोप जड़ दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें खरीदने के लिए भाजपा के एक बड़े नेता ने कॉल करके उन्हें न सिर्फ 50 करोड़ रुपए का लालच दिया बल्कि, किसी निगम-मंडल में अध्यक्ष बनाने का वादा करने के साथ संगठन में अच्छे पद पर रखने का आश्वासन दिया। लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और कांग्रेस में मरते दम तक रहेंगे।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही विधायक बाबू जंडेल कई बार यह कह चुके हैं कि उन्हें खरीदने के लिए भाजपा के बड़े नेता फोन पर करोड़ों रुपए का ऑफर दे रहे हैं। गुरुवार को भी उन्होंने यह बात राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर केबीएस मार्केट में आयोजित हुए कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि उन्हें एक बड़े भाजपा नेता का कॉल आया है और उन्हें खरीदने के लिए 50 करोड़ देने के साथ निगम में अध्यक्ष बनाने का वादा किया जा रहा है। लेकिन विधायक उक्त बड़े नेता का नाम व मोबाइल नंबर कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं। भाजपा वर्तमान में उपचुनाव से बौखलाकर यह सब कर रही है।
इस पर भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र जाट ने कहा कि विधायक अपनी खुद की बोली लगा रहे हैं और रेट बता रहे हैं कि वह इतने में बिकेंगे, लेकिन भाजपा सिद्धांतों वाली पार्टी है और ऐसा कतई नहीं करेगी। अगर उन्हें वाकई में ऑफर आया है और वह सत्यवादी हैं तो उक्त नेता का नाम व नंबर दोनों बताए। बार-बार अपनी रेट बताने से अच्छा है कि एक बार नेता का नाम बताएं। कांग्रेस सरकार में रहते हुए उन्होंने करोड़ों रुपए कमाए हैं और अब उन्हें करोड़ों रुपए और चाहिए, लेकिन वह उन्हें मिल नहीं रहे। इसलिए विधायक बार-बार अपनी रेट जाहिर कर रहे हैं।
पहले भी दो बार लगा चुके हैं आरोप
विधायक बाबू जंडेल प्रदेश में कांग्रेस सरकार रहते समय दो बार उन्हें खरीदने के ऑफर की बात कह चुके हैं। पहले उन्होंने 20 करोड़ रुपए बताए थे और इसके बाद प्रदेश में राजनीतिक हलचल के बीच उन्होंने 37 करोड़ रुपए का ऑफर भाजपा के एक बड़े नेता की ओर से मिलने की बात कही थी। अब वह फिर से कह रहे हैं कि उन्हें 50 करोड़ रुपए का ऑफर आया है। लेकिन इस बार भी वह उक्त बड़े नेता का नाम व मोबाइल नंबर बताने तैयार नही हैं।
इधर… रावत के खिलाफ भी बोले विधायक, संगठन पर लगाए भेदभाव के आरोप
कार्यवाहक जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर भी विधायक ने संगठन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जिलों में दो-दो कार्यवाहक अध्यक्षों की नियुक्ति होनी थी लेकिन यहां चार-चार अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी गई। यहां रावत का नाम लिए बिना उन्होंने रावत के द्वारा नियुक्त कराए गए कार्यवाहक अध्यक्षों की नियुक्ति पर नाराजगी जाहिर की।