अस्पताल में मौत 22 साल के युवा की हुई और शव 65 साल के बुजुर्ग का दे दिया
रीवा : रीवा के मेडिकल कॉलेज में अस्पताल प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती 22 साल के मरीज की मौत रात में हो गई, लेकिन हॉस्पिटल में मौजूद परिवार वालों को डॉक्टरों ने कोई जानकारी नहीं दी. यहां तक की परिवार वालों को मरीज से मिलने भी नहीं दिया गया. जब मामले ने तूल पकड़ा तो बताया कि युवक की मौत हो गई है. परिजनों ने जब शव की मांग की तो उन्हें 65 साल के बुजुर्ग व्यक्ति का शव दे दिया गया.
22 साल के युवक की जगह 65 साल के बुजुर्ग का शव देने पर आक्रोशित परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर बवाल काटा. मामले ने तूल पकड़ा तो कमिश्नर और कलेक्टर ने चिकित्सक राकेश पटेल को निलंबित कर दिया.
दरअसल, रक्षाबंधन को विवेक नामक की तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद उसे संजय गांधी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया. दवा दी गई और रात 2:30 बजे सेहत में सुधार हुआ. हालांकि ऑक्सीजन नहीं दी गई थी नाक पर नली जरूर लगाई गई थी. 7 अगस्त को सुबह 3 बजे युवक ठीक था. घर में फोन पर बात भी की और उसे सुबह जनरल वार्ड सी-2 में शिफ्ट कर दिया गया था. एक्स-रे कराने के लिए कहा गया तो वह पैदल ही एक्सरे कराने गया. 1 बजे एक्सरे हुआ और रिपोर्ट देखने के बाद विवेक को ऊपर तीसरी मंजिल में बने वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया. वहां किसी को जाने नहीं दिया गया.
परिवार वालों को वॉर्ड से बाहर कर दिया गया था. अस्पताल के गेट के बाहर ही परिजन 2 दिन तक बेटे की राह देखते रहे. पर उन्हें विवेक के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई. अस्पताल प्रशासन के साथ कहासुनी के बाद उन्हें युवक की मौत की जानकारी देते हुए मुर्दाघर में शव होने की सूचना दी.
परिवार वाले जब मुर्दाघर पहुंचे तो उन्हें एक 65 वर्ष के बुजुर्ग की लाश पहचान करने के लिए कहा गया. बुजुर्ग का शव देखकर युवक के परिजनों ने हंगामा कर दिया. शव बदले जाने की खबर के बाद परिजनों ने अस्पताल जमकर बवाल काटा. मामले में कॉलेज के डीन डॉ. एपीएस गहरवार ने माना कि लापरवाही हुई है. बैग का टैग बदल जाने से शव बदल गया और शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.