आदिवासी दिवस: कमलनाथ ने आधा दर्जन सीटें जीतने के लिए चला दांव
भोपाल। विश्व आदिवासी दिवस आदिवासियों को साधने के लिए कांग्रेस ने पहली बार पार्टी के आदिवासी विधायकों के साथ वर्चुअल बैठक की। आदिवासी विधायकों के साथ वर्चुअल मीटिंग में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- सत्ता में आए तो आदिवासी हित में फैसलों के साथ नौकरियों में देंगे प्राथमिकता । कमलनाथ ने कहा है कि कांग्रेस संकल्पित है कि कमजोर वर्ग के लिए काम किया जाए और आदिवासी वर्ग की नई पीढ़ी की आशाओं को पूरा करने के लिए पार्टी लड़ाई लड़ने का काम करेगी। इसका साफ असर विधानसभा उपचुनाव में साफ देखा जा सकता है।
वर्चुअल मीटिंग में मौजूद कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने भी कमलनाथ के नेतृत्व पर पूरा भरोसा जताया. साथ ही पूर्व की सरकार में लिए गए फैसलों को आदिवासी हित में लिए गए फैसले करार दिया. वर्चुअल मीटिंग में कांग्रेस पार्टी के कई आदिवासी विधायक शामिल हुए. वहीं कई अन्य विधायक भी मीटिंग का हिस्सा बने. मीटिंग में बाला बच्चन, सुरेंद्र सिंह बघेल, कांतिलाल भूरिया, अशोक मर्सकोले, झूमा सोलंकी, हीरालाल अलावा समेत कई विधायक और आदिवासी नेता शामिल हुए।
बैठक के पीछे की सियासत
दरअसल प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। बुरहानपुर की नेपानगर, अनूपपुर, गुना की बमोरी, धार की बदनावर, गुना की मुंगावली, समेत कई सीटों पर आदिवासी वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। ऐसे में कांग्रेस का यह दांव उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। पिछली कमलनाथ सरकार ने 9 अगस्त को आदिवासी दिवस पर अवकाश का ऐलान किया था। यही कारण है कि अब कांग्रेस पार्टी पिछली सरकार में हुए फैसलों के जरिए उपचुनाव से पहले आदिवासी वोटों को साधने की कोशिश में है। पार्टी ने आदिवासी वोटरों को साधने के लिए अपने आदिवासी विधायकों को एकजुट रखते हुए उपचुनाव में बड़ी जिम्मेदारी देने और पिछली सरकार के फैसलों को जानकारी जनता तक पहुंचाने।