थानों में फरियादियों के घुसने पर रोक, शिकायत दर्ज कराने के लिए नया सिस्टम
भोपाल. मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पुलिस ने विंडो सिस्टम शुरू किया है। थाने आने वाले फरियादी से कहीं कोरोना संक्रमण न हो जाए इसलिए उन्हें बाहर ही रोकने का इंतजाम पुलिस ने किया है। पुलिस इनकी शिकायत तो सुन रही है, लेकिन थाने के बाहर से। थाने के बाहर लगे टॉक बैक के ज़रिए फरियादी की शिकायत सुनी जा रही है। 1000 थानों को इससे जोड़ा जा सकता है।
मध्यप्रदेश पुलिस थानों में अब शिकायत लेकर आने वाले फरियादी को सीधे थाने में एंट्री नहीं दी जा रही है। इसके लिए पुलिस ने थानों में विंडो सिस्टम शुरू किया है। इसी विंडो के जरिए लोगों की शिकायतें सुनी जा रही हैं और एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाती है। फरियादी के थाने के अंदर जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। थाने में बैरिकेड लगा दिया गया है। थाने में सिर्फ पुलिसकर्मी के अंदर जाने की इजाजत है।
क्यास है गाइडलाइन?
पुलिस मुख्यालय की गाइडलाइन के अनुसार, थानों को बैरिकेड लगाकर सील कर दिया गया है। थाने के अंदर सिर्फ ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के आने जाने की परमिशन रहती है। थाने के बाहर सेनिटाइजर रखा गया है। इसके अलावा हर रोज थाने को पूरी तरह से सैनेटाइज किया जाता है। थाने में बिना मास्क के घूमना अलाउड नहीं है। अगर थाने में कोई बिना मास्क के दिखायी दिया तो उस पर कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान भी है। थाना प्रभारी के केबिन के साथ पूरे थाने में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इनके ज़रिए थाने की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है।
कोर्ट में पेशी से पहले कोरोना टेस्टी
जिन आरोपियों को गिरफ्तार कर थाने लाया जा रहा है, उन्हें कोर्ट में पेश करने से पहले कोरोना टेस्ट के लिए अस्पताल ले जाया जाता है। उनकी गिरफ्तारी तक उन्हें थाने के स्पेशल बैरक में रखा जाता है। यह बैरक पूरी तरीके से सैनिटाइज होते हैं। 24 घंटे में रिपोर्ट आती है। अगर रिपोर्ट निगेटिव रही तो आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाता है। कोर्ट में आरोपी की रिपोर्ट भी दिखाना पड़ती है, क्योंकि आदेश है कि आरोपी को जेल में दाखिल करने से पहले उसकी कोरोना जांच करायी जाए।