ग्वालियर : ऑफलाइन किसी भी विभाग की कोई फाइल नहीं की जाएगी स्वीकार, कलेक्टर ने जारी किया आदेश…
ग्वालियर : डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने और सरकारी कामकाज को नई तकनीक से जोड़कर उसमें दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए एक प्रणाली विकसित की गई है जिसका नाम है ई-ऑफिस प्रणाली। मध्य प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलों में संचालित सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए हैं, सभी जिले तेजी से इसपर काम कर रहे हैं, ग्वालियर जिले में भी ई-ऑफिस प्रणाली को लेकर कलेक्टर ने सख्ती दिखाई जिसका परिणाम ये हुआ है कि कलेक्ट्रेट सहित 42 विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है, अब कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि आगे से कोई भी फाइल ऑफ़लाइन स्वीकार नहीं की जाएगी।

ग्वालियर कलेक्ट्रेट में ई-ऑफिस प्रणाली लागू हो चुकी है। साथ ही एनआईसी के माध्यम से 42 विभागों के जिला कार्यालयों को ऑनलाइन फाइल भेजने व पत्राचार के लिये ई-ऑफिस प्रणाली के तहत ऑन बोर्ड किया जा चुका है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने सभी विभागों के कार्यालय प्रमुखों को ऑनलाइन फाइलें भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऑफलाइन कोई भी फाइल स्वीकार नहीं की जायेगी।\
ग्वालियर जिले के 42 विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू
जिला सूचना विज्ञान अधिकारी श्रीमती तृप्ति निगम ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय सहित जिन 42 विभागों में जिन ई-ऑफिस प्रणाली लागू की गई है उसमें जिला कोषालय, जल निगम, पशुपालन व डेयरी, ई-गवर्नेंस, लोक सेवा प्रबंधन, खनिज, महिला बाल विकास, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण, जिला पंचायत, खाद्य, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी, जिला शिक्षा केन्द्र, सहायक आयुक्त श्रम, जिला आयुष कार्यालय, सिविल सर्जन, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, रोजगार कार्यालय, वरिष्ठ जिला पंजीयक, भू-अभिलेख, उपायुक्त सहकारिता, किसान कल्याण व कृषि विकास, सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के कार्यालय शामिल हैं।
कोई फाइल ऑफ़लाइन स्वीकार नहीं की जाएगी
इन विभागों के अलावा सहायक आयुक्त आबकारी, सहायक संचालक मत्स्योद्योग, जिला व्यापार व उद्योग केन्द्र, जिला खेल व युवा कल्याण, जिला हथकरघा कार्यालय, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान, सहायक संचालक उद्यानिकी, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय, क्षेत्रीय कार्यालय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, संभागीय योजना व सांख्यिकी कार्यालय, संयुक्त संचालक नगर व ग्राम निवेश, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन, संभागीय जनसंपर्क कार्यालय, संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण पीआईयू व कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु विभाग के कार्यालय शामिल हैं।
क्या है ई-ऑफिस प्रणाली
आपको बता दें 1 जनवरी से मध्य प्रदेश में मंत्रालय सहित विभिन्न विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू कर दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समत्व भवन से इसकी शुरुआत की थी। ई-ऑफिस, ऑनलाइन प्रणाली है, इसका उद्देश्य तकनीक की मदद से पेपरलेस व्यवस्था बनाकर प्रशासनिक कार्यों को तेज और पारदर्शी बनाना है। इसमें अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक कम्प्यूटर पर बैठकर अपनी फाइलें निपटाएंगे। इससे यह पता चल जाएगा कि कौन सी फाइल किस के पास लंबित है। पुरानी फाइलों को ढूंढना आसान हो सकेगा। इससे शासकीय कार्य तेजी से होंगे साथ ही उच्च स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग भी आसान होगी।