डॉ एन जॉन केम को पुलिस ने प्रयागराज से पकड़ा, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम मिशन अस्पताल पहुंची, पीड़ितों से की मुलाकात…
भोपाल : दमोह के मिशन अस्पताल में हार्ट सर्जरी की बाद हुई मौतों के बाद हरकत में आये प्रशासन की एफआईआर होते ही तत्काल आरोपी डॉक्टर डॉ एन जॉन केम को पुलिस ने पकड़ लिया है, एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने आरोपी डॉक्टर के पकड़े जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि दमोह पुलिस उसे जल्दी ही लेकर यहाँ आने वाली है, उधर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की तीन सदस्यीय टीम दमोह पहुंच गई है उसने अस्पताल की जांच की और पीड़ितों से मुलाकात कर उनका पक्ष भी जाना है टीम यहाँ तीन दिन रहकर मामले की जड़ तक पहुँचने का प्रयास करेगी।

दमोह में मिशनरीज द्वारा संचालित मिशन अस्पताल में हुई 7 मौतों के बाद मचे हडकंप की गूंज जब दमोह से भोपाल तक पहुंची तक स्वास्थ्य विभाग नींद से जागा, बीती देर रात जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम के जैन ने कोतवाली थाने पहुँच कर सर्जरी करने वाले डॉक्टर डॉ एन जॉन केम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर होते ही पुलिस की तीन अलग अलग टीमें डॉ केम के संभावित ठिकानों प् र्दबिश देने लगी और उसे प्रयागराज से दबोच लिया।
दमोह SP ने डॉ केम के पकड़े जाने की पुष्टि की
एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने आरोपी डॉक्टर के पकड़े जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि हमारी एक टीम को आरोपी डॉक्टर केम के उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में छिपे होने की जानकारी मिली थी वो ओमेक्स टाउनशिप में छिपा था, उसे पकड़ लिया गया है जल्दी ही दमोह पुलिस उसे लेकर आ रही है उसके पास से कई दस्तावेज मिले हैं जिन्हें केस में शामिल किया जायेगा।
पहले भी फरार हो चुका है डॉ केम
एसपी ने कहा कि डॉ केम के बारे में जो शुरूआती जानकारी मिली है उसके मुताबिक ये पहले भी कुछ मामलों में फरार हो चुका है और यहाँ से भी फरार हो गया था, इससे कड़ी पूछताछ की जाएगी और जो जानकारी मिलेगी उसके आधार पर इसपर भी एक्शन होगा , उन्होंने बताया कि मौतों के विषय में डॉक्टर से पूछताछ की जाएगी अस्पताल प्रबंधन से भी पूछताछ की जाएगी।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम पीड़ितों से मिली
उधर कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि मिशन अस्पताल में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की तीन सदस्यीय टीम दमोह आई है वो तीन दिन रहेगी उसने मुझसे, एसपी से, सीएमएचओ से, पीड़ितों से, शिकायतकर्ता से मुलाकात की है, वो अस्पताल के सभी दस्तावेजों की भी पड़ताल करेगी, टीम 9 अप्रैल तक रहेगी वो जो भी दस्तावेज मांगेगी हम उसे उपलब्ध करा रहे हैं।
MP में नहीं है रजिस्ट्रेशन , AP का रजिस्ट्रेशन भी फर्जी निकला
गौरतलब है कि सीएमएचओ डॉ मुकेश जैन ने जो एफआईआर दर्ज कराई है उसके मुताबिक मिशन अस्पताल में बीते महीने में हुई मौतों के जिम्मेदार बताए जा रहे कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एन जॉन केम फ़र्ज़ी डॉक्टर हैं, उन्होंने कलेक्टर द्वारा गठित की गई जांच कमेटी में जांच के दौरान जो तथ्य पाए उसके मुताबिक रिकार्ड में डॉ केम के दस्तावेज सही नहीं पाए गए हैं। नियमानुसार मध्य प्रदेश में प्रैक्टिस करने के लिए डॉ को एम पी सरकार के स्वास्थ्य विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना था लेकिन एमपी में डॉ केम रजिस्टर्ड नही है, उनके जो दस्तावेज मिले है उसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश का रजिस्ट्रेशन लगाया है लेकिन आंध्र प्रदेश के मेडिकल बोर्ड में भी उनके रजिस्ट्रेशन सम्बन्धी कोई दस्तावेज नही पाए गए हैं। मतलब साफ है कि डॉ केम यहां फर्जी तरीके से नोकरी कर रहे थे और इसी दौरान उन्होंने हार्ट ऑपरेशन किये।
एक शिकायत के बाद खुली मामले की परते
आपको बता दें कि दमोह के मिशन अस्पताल में डॉक्टर केम ने जो हार्ट सर्जरी की उनमें सात लोगों की मौत हो जाने के आरोप स्थानीय अधिवक्ता दीपक तिवारी ने शिकायत में लगाये थे जिसके बाद कलेक्टर ने महीने भर पहले जांच कमेटी बनाई थी और इस जांच में सीएमएचओ का किरदार अहम था और देर रात जो मामला दर्ज हुआ वो इसी जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर हुआ है। अब तक इस मामले में जो बात सामने आई उसमे आरोपी डॉक्टर डॉ एन जान केम ब्रिटेन के मशहूर लार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉ एन जान केम के नाम का इस्तेमाल करता था, जबकि असल मे इस शख्स का नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है , इस शख्स के ऊपर हैदराबाद में आपराधिक मामले दर्ज हैं साल 2023 में ये व्यक्ति फ्रांस में हुए दंगो को लेकर एक ट्वीट से सुर्खियों में भी आया था जब फ्रांस में दंगे रोकने उसने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजने की सलाह दी थी, ट्वीटर हेंडिल पर उसने यूपी सीएम के साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार की फोटो भी साझा की थी, आम लोगो के अलावा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आफिस ने भी इसे ब्रिटेन के फेमस कार्डियोलॉजिस्ट डॉ केम का ट्वीट समझा था लेकिन जब खुलासा हुआ तो ये फर्जी डॉ केम नरेंद्र यादव निकला।
मीडिया के सवालों से भाग गए सीएमएचओ
बहरहाल इस फर्जी डॉक्टर के खिलाफ अभी सिर्फ धोखाधड़ी और फ़र्ज़ी डॉक्यूमेंट तैयार कर नोकरी करने का मामला दर्ज हुआ है जबकि इसके द्वारा किये गए हार्ट ऑपरेशन और फिर मौतों के आरोपों को इसमें शामिल नही किया गया है जिसके लिए पुलिस को डीएम द्वारा कराई जा रही जांच का इंतज़ार है। इस मामले में देर रात अंधेरे में रिपोर्ट दर्ज कराने गए सीएमएचओ की भूमिका भी सन्देहों के घेरे में है, चूंकि आज से तीन दिन यानी 7, 8 और 9 तारीख को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम केम्प कर इस मामले की जांच करेगी और टीम के आने से पहले रात में मुकदमा दर्ज कराने की बात विचार करने योग्य है।