MP : महाशिवरात्रि पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने किए बाबा महाकाल के दर्शन, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त…
उज्जैन : आज महाशिवरात्रि पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने सपरिवार महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन किए और पूजन किया। वे महाकाल के अनन्य भक्त हैं और आज के दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की। आज शिवरात्रि का पर्व देशभर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकुंभ का अंतिम शाही स्नान भी आयोजित हो रहा है। इसके लिए प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। भक्तों का मानना है कि इस पवित्र स्नान से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री ने किए बाबा महाकाल के दर्शन
महाशिवरात्रि पर उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के पट 25-26 की दरमियानी रात ढाई बजे खुले और शिवरात्रि पर पूरे दिन और रातभर पट खुले रहेंगे। रात बारह बजे से यहां चार प्रहर की पूजा शुरु होगी जो सुबह तक चलेगी। आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी पत्नी के साथ बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों के मंगल और कल्याण के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर उज्जैन में श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ रहा है। संभावना है कि महाशिवरात्रि पर दस लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करेंगे और इसके लिए प्रशासन द्वारा भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना का सबसे प्रमुख दिन माना जाता है। मान्यता है कि आज विधिपूर्वक शिवशंकर की पूजा और व्रत करने से समस्त कष्टों का नाश होता है, मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि पर पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से करें। इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, चंदन, अक्षत, फल और मिठाई अर्पित करें। धूप-दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। व्रत खोलते समय गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें।
इस बार महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा की जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- प्रथम प्रहर: शाम 6:19 बजे से रात 9:26 बजे तक
- द्वितीय प्रहर: रात 9:26 बजे से 12:34 बजे तक
- तृतीय प्रहर: रात 12:34 बजे से 3:41 बजे तक
- चतुर्थ प्रहर: रात 3:41 बजे से सुबह 6:48 बजे तक
रात्रि जागरण के दौरान भगवान शिव की कथाएं सुनना और भजन-कीर्तन करना शुभ माना जाता है। शिवरात्रि के अगले दिन सुबह पारण के साथ व्रत समाप्त करें।
मुख्यमंत्री ने सपत्नीक महाकालेश्वर में पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। आज शिवरात्रि पर उज्जैन में महाकाल के दर्शन के लिए दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं से आने का अनुमान है। वहीं, देशभर में ये पावन पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। आज सुबह से ही शिवमंदिरों में भक्तों की भीड़ है।