भारतीय रुपया में ऐतिहासिक गिरावट, डॉलर के मुकाबले पहली बार 87 रुपए तक फिसला, जानिए क्या है इसके पीछे का कारण!
नई दिल्ली : रुपये में एक बार फिर ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिली है। डॉलर के मुकाबले पहली बार रुपया 87 रुपए तक फिसल चुका है। दरअसल, यह सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है। अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने की आशंका के बीच यह गिरावट देखी जा रही है। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब रुपया 87 के स्तर तक गिर चुका है। सोमवार को कारोबार के दौरान रुपया 87.006 के स्तर पर खुला, लेकिन जैसे ही कारोबार शुरू हुआ इसमें ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई।
सोमवार को रुपये में कारोबार के दौरान 55 पैसे तक की गिरावट देखने को मिली। इसके कारण $1 के मुकाबले भारतीय रुपया 86.12 के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, इसकी एक वजह डॉलर की मजबूती को माना जा रहा है, जबकि दूसरी ओर अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने को भी इस गिरावट का कारण बताया जा रहा है।
क्यों दिखाई दे रही इतनी गिरावट?
दरअसल, न सिर्फ भारतीय रुपये में गिरावट देखने को मिली है बल्कि डॉलर के मजबूत होने के कारण कई देशों की करेंसी पर इसका असर पड़ा है। अमेरिका की ओर से टैरिफ लगाए जाने की खबर के बाद हर तरफ डॉलर को लेकर चिंता बढ़ गई है। इस वजह से अन्य मुद्राओं की कीमत में भी गिरावट देखने को मिल रही है। भारतीय रुपये में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है, जिसके चलते यह अब तक के सबसे निचले स्तर 87.6 रुपये पर आ गया है और कारोबार के दौरान इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है।
भारतीय शेयर बाजार की इन कंपनियों पर भी पड़ता है इसका असर
रुपये की इस गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार की कई कंपनियों पर भी पड़ा है। दरअसल, जैसे ही डॉलर की कीमत बढ़ती है, बाजार की कई कंपनियों के कारोबार पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। जो कंपनियां डॉलर में कारोबार करती हैं, उन्हें इस स्थिति में फायदा हुआ है। आईटी सेक्टर की उन कंपनियों को विशेष रूप से लाभ मिला है जो डॉलर में लेन-देन करती हैं। डॉलर के मजबूत होने के कारण सोमवार को उनके कारोबार में तेजी देखने को मिली। इसका सीधा उदाहरण विप्रो है, जिसके शेयरों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि, आज सेंसेक्स की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। सेंसेक्स ने 442 अंकों की गिरावट का सामना किया, जबकि निफ्टी ने भी आज अपना कारोबार गिरावट के साथ शुरू किया।