जेल में रहकर लड़ा चुनाव फिर बने जनपद अध्यक्ष, अब मिली सज़ा तो दोनों पदों से हटाए गए नेताजी…
भोपाल : दमोह से बड़ी खबर है जहां हटा जनपद के अध्यक्ष इंद्रपाल पटेल को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है इसके साथ ही उनका जनपद सदस्य का निर्वाचन भी शून्य कर दिया गया है, इस आशय के आदेश दमोह कलेक्टर ने जारी किए हैं।जनपद अध्यक्ष पर ये कार्यवाही हत्या के मामले में उन्हें सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा के बाद हुई है। दरअसल हटा जनपद के अध्यक्ष इंद्रपाल पटेल को बहुचर्चित कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसी मामले में इंद्रपाल के साथ बसपा की दबंग और चर्चित विधायक रही रामबाई सिह के पति देवर भाई और भतीजे सहित 25 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।
2019 में हुए कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में आरोपी
साल 2019 में हटा के कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या हुई थी और इस हत्याकांड में इंद्रपाल पटेल आरोपी बनाए गए थे तभी से इंद्रपाल जेल में थे। उस वक़्त इंद्रपाल के पिता शिवचरण पटेल जिला पंचायत के अध्यक्ष थे। साल 2022 में प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव में इंद्रपाल ने जेल में रहते हुए मड़ियादो इलाके से जनपद सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उनका काफिला यहीं नही थमा बल्कि जनपद अध्यक्ष के चुनाव में भी इंद्रपाल ने जेल में रहते हुए हाथ आजमाया और वो जनपद हटा के अध्यक्ष भी बन गए और बीते दो सालों से जेल से ही जनपद पंचायत का संचालन किया जा रहा था।
30 नवम्बर को ADJ कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
अभी तक इंद्रपाल विचाराधीन बंदी थे लेकिन बीते 30 नवम्बर को हटा एडीजे कोर्ट ने देवेंद्र चोरसिया हत्याकांड में फैसला सुनाया तो कुल 25 आरोपियों जिनमे इंद्रपाल भी शामिल हैं उन्हें आजीवन कारावास के साथ 10 – 10 हजार के जुर्माने की सज़ा भी सुनाई है। इसके बाद पंचायत निर्वाचन नियमो के तहत उन्हें हटा दिया गया है। स्थानीय निर्वाचन के आदेश के बाद जेल में बंद इंद्रपाल पटेल की जनपद की सदस्यता और अध्यक्ष पद दोनों से अलग कर दिया गया है। अब नए समीकरणों के तहत सदस्य और अध्यक्ष पद के लिए फिर से चुनाव कराए जाएंगे।