Madhya Pradesh

बड़वानी में सिख युवकों की पिटाई मामले में दो पुलिसकर्मी सस्पेंड, कमलनाथ ने कहा – यह अत्याचार धार्मिक परंपराओं का अपमान

बड़वानी। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के पलसूद में सिख युवकों से पुलिस द्वारा मारपीट और बदसूलकी मामले में दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज कहा कि सिखों के साथ ऐसी बर्बरता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं कांग्रेस के पूर्व सीएम कमलनाथ ने इसे धार्मिक परंपराओं का अपमान बताते हुए सरकार को घेरा है। पुलिस के द्वारा युवक को घसीटने और मारीपीट का वीडियो सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर, मंजिंदर सिंह सिरसा, सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कार्रवाई की मांग की थी।


मुख्यमंत्री बोले – बड़वानी जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना से मेरा हृदय द्रवित है! ऐसी बर्बरता और अराजकता मैं किसी भी हाल में सहन नहीं करूंगा। दोषियों को उनके कुकर्मों की सज़ा अवश्य मिलेगी। एएसआई सीताराम भटनागर और हेड कांस्टेबल मोहन जामरे को सिख बन्धुओं के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार के लिए तुरंत निलंबित किया गया है। सिखों के साथ ऐसी बर्बरता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले की जांच इंदौर आईजी द्वारा की जाएगी और इनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।

यह है मामला

पलसूद के वार्ड क्रमांक – 15 में रहने वाला प्रेम सिंह सिकलीगर पुरानी पुलिस चौकी के पास ताला-चाबी की दुकान लगाता है। गुरुवार शाम को पुलिस बिना मास्क के घूमने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई कर रही थी। जिस समय पुलिस इस क्षेत्र में गश्ती करते हुए पहुंची प्रेम सिंह अपना सामान समेटकर बाइक से घर की ओर रवाना हो रहा था। पुलिस ने उससे गाड़ी के कागज मांगे। कागज नहीं होने पर उन्होंने चालन के 250 रुपए मांगे। इस पर प्रेम सिंह ने कहा कि उसने दिनभर में 200 रुपए ही कमाए हैं। 250 रुपए कहां से दूं। इसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो बाद में मारपीट में बदल गया।

बड़वानी एसपी निमिष अग्रवाल के अनुसार पलसूद में हुए घटनाक्रम में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही नहीं करने पर सहायक उपनिरीक्षक सीताराम भटनागर और प्रधान आरक्षक मोहन जमरे को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस राजपुर को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि गुरुवार शाम को पलसूद क्षेत्र में वाहन चेकिंग के दौरान बाइक पर दो सिकलीगर रोके गए थे। इनमें से एक का नाम प्रेम सिंह सिकलीगर पिता मगन सिंह निवासी वार्ड – 15 पलसूद था। थाना रिकार्ड अनुसार प्रेम सिंह पर सोने-चांदी के जेवर और नगदी चुराने का जबलपुर के पनागर, गोहलपुर और ग्वारीघाट थाने में केस दर्ज है। जब उससे वाहन के कागजात मांगे गए तो वह विवाद करने लगा। पुलिस को शंका हुई कि उसने शराब पी रखी है तो उसे मेडिकल के लिए थाने ले जाने की कोशिश। प्रारंभिक जांच में पुलिस द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही नहीं करना पाया गया है। वहीं, आरोप पर पीड़ित युवक का कहना है कि मेरे ऊपर किसी भी प्रकार का कोई केस दर्ज नहीं है।

कमलनाथ ने किया ट्वीट

प्रेम सिंह चावला ग्रंथी जो की वर्षों से पुलिस चौकी के पास एक छोटी सी दुकान लगाकर अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं। उनको वहां की पुलिस ने अमानवीय तरीक़े से पीटा, उनकी पगड़ी उतार दी, बाल पकड़ कर बुरी तरह से सड़क पर उनकी पिटाई की। यह अत्याचार व गुंडागर्दी होकर सिख धर्म की पवित्र धार्मिक परंपराओं का अपमान भी है। ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती हैं। मैं सरकार से मांग करता हूं कि तत्काल दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो। पीड़ित व्यक्ति को न्याय मिले।