जीतू पटवारी ने किसानों और अपराधों के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा, पूछा- हर घटना के पीछे बीजेपी के लोग क्यों होते हैं…
भोपाल : मध्य प्रदेश कांग्रेस किसानों को न्याय दिलाने के लिए ‘किसान न्याय यात्रा’ निकाल रही है। जीतू पटवारी ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब केंद्र में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाखों बार ये वादा किया कि वो किसानों की आय दुगनी करेंगे और खेती को लाभ का धंधा बनाएँगे। लेकिन आज भी प्रदेश के किसान धान और गेहूं के सही दाम नहीं मिल रहा है।
इसी के साथ उन्होंने कहा कि महू की घटना में जो आरोप सामने आए हैं, उनका संबंध बीजेपी से है। इससे पहले भी दलित उत्पीड़न सहित कई आपराधिक घटनाएँ में बीजेपी के लोगों के शामिल होने की बात साबित हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया कि आख़िर ऐसा क्यों होता है कि बीजेपी के लोग ही ऐसे अनाचार और अत्याचार की घटनाओं में शामिल होते हैं।
किसानों के पक्ष में कांग्रेस ने की ये माँग
20 सितंबर को कांग्रेस पूरे प्रदेश से सभी ज़िलों में किसान न्याय यात्रा अंतर्गत कलेक्ट्रेट का घेराव करेगी। इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि ‘धान के लिए 3100 रुपए प्रति क्विंटल और गेहूं का 2900 रुपए प्रति क्विंटल वादा था। आज तक पूरा नहीं किया। सोयाबीन की 6000 रुपए प्रति क्विंटल की मांग है। ये 4800 रुपए प्रति क्विंटल का झुनझुना दे रहे हैं।’ उन्होंने कहा शिवराज सिंह चौहान जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने यहाँ किसानों से वादा किया था कि वो कृषि को लाभ का धंधा बनाएँगे। लेकिन अब वो किसानों की माँग पूरी न करते हुए उन्हें झुनझुना पकड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। पटवारी ने कहा कि ‘जितना अन्याय किसानों के साथ बीजेपी और शिवराज सिंह चौहान ने किया है, और किसी ने नहीं किया। कांग्रेस की मांग है कि आपने अपने वचनपत्र में जो वादे किसानों से किए थे, उन्हें पूरा किया जाए और किसानों की अन्य माँगे भी पूरी हों।
बीजेपी पर आरोप
इसी के साथ उन्होंने कहा कि महू में हुई घटना के पीछे भी बीजेपी नेताओं के रिश्तेदार सामने आए हैं। उन्होंने सवाल किया कि आख़िर क्या कारण है कि बीजेपी के नेता ही ऐसे सारे प्रकरणों के पीछे होते हैं। उन्होंने कहा कि ‘मोहन भैया के राज में दलितों पर अत्याचार हो तो बीजेपी को लोग इसके पीछे होते हैं। दलितों के साथ पेशाबकांड में बीजेपी के लोग होते हैं, कोई बलवा हो तो बीजेपी के लोग होते हैं। इसके पीछे क्या मैसेज है। मैसेज ये है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं के क़ानून की खुली छूट मिली है। सीएम को इनपर लगाम कसनी चाहिए।’