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MP : दूषित पानी पीने और खाना खाकर 24 बच्चे बीमार, अस्पताल में भर्ती, जिम्मेदारों के अलग अलग तर्क…

उमरिया :  जिले के एक छात्रावास में उस समय अफरातफरी मच गई जब वहां मौजूद बच्चे एक एक बाद एक कर बेहोशी की हालत में पहुँचने लगे, पेट दर्द और घबराहट की शिकायत बच्चों में बढ़ती देख हॉस्टल वार्डन ने तत्काल सभी को जिला अस्पताल पहुंचाया जहाँ डॉक्टर्स ने उनका इलाज शुरू किया, कहा जा रहा है कि दूषित पानी पीने और दूषित खाना खाने के कारण बच्चों की ये हालत हुई है। उमरिया जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 3 लालपुर स्थित संचालित नेता जी सुभाष चन्द्र बोस बालक छात्रावास में उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब अचानक से स्कूल पहुंचे बच्चे बेहोश होने लगे। अस्पताल पहुंचे बच्चों को भर्ती कर डॉक्टर्स ने इनका इलाज किया, घटना सामने आते ही मीडिया अस्पताल पहुंची तो सामने आया कि छात्रावास का टयूबवेल दिसंबर-जनवरी से ख़राब है और बच्चे टेंकर के पानी का उपयोग करते हैं।

बच्चा बोला टेंकर का पानी पीते हैं उसी से बनता है खाना 

बीमार हुए 24 बच्चों के साथ आये उनके एक स्वस्थ साथी ने बताया कि हम टेंकर का पानी पीते है और उसी से नहाते भी हैं, हॉस्टल का खाना भी उसी से बनता है, आज दाल चावल रोटी सब्जी बनी थी उसको खाने के बाद बच्चे बीमार हो गए , उन्हें पेट दर्द होने लगा और घबराहट होने लगी ।

सिविल सर्जन ने कहा , वार्डन ने बताया चावल में छिपकली गिरी थी 

सिविल सर्जन डॉ केसी सोनी ने मीडिया से कहा कि सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं, बच्चे पेट दर्द, साँस लेने में दिक्कत और घबराहट से पीड़ित थे लेकिन अभी सब सुरक्षित हैं । उन्होंने कहा कि उन्हें वार्डन ने बताया कि आज सुबह जो खाना दिया गया था उसमें चावल में छिपकली गिर गई थी जो तत्काल बर्तन से बाहर निकल गई थी उसके बाद ये घटना हुई है।

वार्डन बोली ट्यूबवेल ख़राब है अफसरों को कई बार लिख चुकी हूँ पत्र  

उधर इस पूरे मामले पर हॉस्टल वार्डन नीलमणि उपाध्याय का तर्क है कि बच्चे पेनिक हैं, जब उनकी क्लास ख़त्म हुई तो उन्हें दो बच्चे सुस्त दिखे , तो उन्होंने अन्य बच्चों से पूछताछ की तो कई बच्चों ने शिकायत की जिसके बाद उन्होंने 24 बच्चों को एम्बुलेंस की मदद से जिला अस्पताल भेजा, दूषित पानी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हॉस्टल का टयूबवेल  खराब है, अधिकारियों को कई बार पत्र लिख चुके हैं , हमारे यहाँ टेंकर आता और हमें एक नया कनेक्शन दिया गया है जिससे नगर पालिका का पानी आता है वही बच्चे पीते हैं और उसी से खाना बनता है टेंकर के पानी का उपयोग बर्तन धोने और नहाने में होता है, वार्डन छिपकली वाली बात को टाल गई और अपनी सफाई देती रहीं ।