बांग्लादेश मामले पर भारत को लेकर क्या बोल गये कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर, BJP ने किया पलटवार…
नई दिल्ली : बांग्लादेश में हुए तख्ता पलट को लेकर भले ही कांग्रेस को कोई अधिकृत पार्टी लाइन सामने नहीं आई लेकिन उसके नेता लगातार इस मुद्दे पर बोल रहे हैं, सीनियर नेता सलमान खुर्शीद कह चुके कि जो बांग्लादेश में हुआ वो भारत में भी हो सकता है, मप्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने पीएम मोदी की चेतावनी दी कि जैसे बांग्लादेश में जनता घुसी भारत में भी प्रधानमंत्री आवास पर कब्ज़ा कर लेगी, अब कुछ इसी तरह का बयान मणिशंकर अय्यर का आया है, भाजपा ने इसपर पलटवार किया है।
मणिशंकर अय्यर ने कहा- बांग्लादेश जैसी परिस्थितियां भारत में भी बननी शुरू हो गई हैं
कांग्रेस नेता ने एक मीडिया संस्थान से बुधवार को बात करते हुए कहा है कि बांग्लादेश जैसी परिस्थितियां कुछ-कुछ भारत में भी बननी शुरू हो गई हैं, यहाँ लोगों के मन में चुनावों की निष्पक्षता को लेकर शक पैदा होने लगा है, इसलिए हमें बांग्लादेश से सीख लेते हुए सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो शक बांग्लादेश में लोगों के मन में आया वो बाहर भी उभरा लेकिन यहाँ अभी शुरू नहीं हुआ है। मणिशंकर अय्यर ने कहा कि विकसित भारत बनाना एक अलग बात है लेकिन क्या वो आजाद भारत होगा? क्या वो लोकतांत्रिक भारत होगा? जब ये सवाल उठते हैं तो सरकार इनका जवाब नहीं देती इसलिए हमें सावधान रहने की जरुरत है।
BJP प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने किया पलटवार
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने “जहरीले विचारों से भरी कांग्रेस का गृह युद्ध प्लान” शीर्षक से X पर लिखा- ये मात्र संयोग नहीं बल्कि कांग्रेसी सुनियोजित षडयंत्र है भारत की शांति व्यवस्था को भंग करने की। कुत्सित मानसिकता से ग्रसित कांग्रेस के नफरती नेता, आए दिन हिंसा और अराजकता की बात कर, देश की जनता को बरगलाने का, असफल प्रयास कर रहे हैं।
BJP का सवाल – कांग्रेसी बताएं यदि ऐसा है तो यह हालात पैदा कौन कर रहा है?
उन्होंने आगे लिखा- कांग्रेसी बताएं कि यदि भारत के हालात बांग्लादेश जैसे बन रहे हैं तो यह हालात पैदा कौन कर रहा है? भारत को बंग्लादेश बनने की ‘बद्दुआ’ देने वाले कांग्रेसियों कभी तो ‘शुभ’ बोल लिया करो, लगता है कि शायर शौक़ बहराइची ने ये शेर तुम्हारी कांग्रेस के लिए ही लिखा था- बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा।