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प्रभात झा के निधन से बीजेपी में शोक की लहर, आशीष अग्रवाल ने साझा किया संस्मरण, श्रद्धांजलि दी…

भोपाल : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता प्रभात झा का आज निधन हो गया। इस ख़बर के बाद उनके अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए कई नेता अस्पताल और उनके घर पहुँच रहे हैं। कई लोगों ने उनके सरल स्वभाव और प्रखर व्यक्तित्व को लेकर कई बातें लिखी है। बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने भी उनके साथ हुई अपनी अंतिम मुलाक़ात के बारे में लिखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

आशीष अग्रवाल ने स्व. प्रभात झा को दी श्रद्धांजलि

आशीष अग्रवाल ने एक्स पर दिवंगत प्रभात झा का लिखा एक पत्र साझा करते हुए ग्वालियर से भोपाल तक की यात्रा का संस्मरण लिखा है। उन्होंने लिखा कि ‘यूं तो ग्वालियर के नाते आदरणीय प्रभात झा जी से मेरा संबंध पुराना है, मेरे पिता जी के समय सदर बाज़ार स्थित निवास पर आते मैंने उन्हें कई बार देखा। निवास पर आकर पिता जी के साथ ठहाके लगाना, बातें करना और मुझे प्रेम स्वरूप आशीर्वाद देने का वह चित्र मेरी स्मृतियों में आज भी तरोताजा है!’

‘अभी कुछ दिन पहले की ही बात है मैंने और प्रभात झा जी भाईसाहब ने ग्वालियर से भोपाल का सफर ट्रेन द्वारा तय किया। यात्रा एवं खान-पान के दौरान उन्होंने कई किस्से शेयर किए…मैं बार-बार उनसे कहता कि अब आप आराम कीजिए मैं ऊपर की सीट पर चला जाता हूं…लेकिन वो कहते कि तुम्हें आराम करना है तो तुम जाओ पर मुझे चर्चा में आनंद आ रहा है। जिसके बाद निरंतर रात 8 बजे से 1 बजे तक मैंने उनके कई राजनैतिक किस्सों का आनंद लिया और इस बीच कब ग्वालियर से भोपाल आ गया पता ही नहीं चला। उस वक्त लगा नहीं था कि ये मेरा उनके साथ आखिरी सफर होगा।’

‘माननीय प्रभात जी ने जीवन में बड़ी ही कर्मठता से एक मुकाम हासिल किया। आप सदैव भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहेंगे, आपके जाने से जो रिक्तता आई है उसकी कमी कोई पूरा नहीं कर सकेगा पर आपकी स्मृतियां भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के साथ रहेंगी।’

‘पत्रकारिता का क्षेत्र हो या फिर राजनीति श्रद्धेय प्रभात जी की कुशलता और कर्मठता प्रशंसनीय है। कुशल कलमकार, मार्गदर्शक एवं सगंठनकर्ता के रूप में आपका जीवन सदैव प्रेरणादायी है। जब मैं प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त हुआ तो आदरणीय प्रभात जी भाईसाहब का फोन आया उन्होंने मुझे आशिर्वाद और निरंतर मार्गदर्शन देने का आश्वासन दिया। उसके बाद जब मैं मीडिया प्रभारी बना, तो फोन पर हंस कर बोले कि अब तो तुमसे मिलने कार्यालय आना है। जिसके बाद मैं आशीर्वाद लेने उनके निवास गया, जहां उन्होंने मुझे भविष्य की कई समझाइशें उन्होंने अपने मीडिया प्रभारी अनुभव से प्रदान की। लोकसभा चुनाव के बाद वो कार्यालय आए और किसी कारणवश में उनसे मिल नहीं पाया, जिसके बाद फोन पर हमारा वार्तालाप हुआ तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे लिए अपना प्यार तुम्हारे कक्ष में छोड़ आया हूं। जब मैं कार्यालय आया तो देखा कि वो ये पत्र मेरे लिए कक्ष में आशीर्वाद और प्रोत्साहन स्वरूप छोड़ गए…! आप सदैव मेरी स्मृतियों में अमर रहेंगे भाईसाहब!’