छः साल से 2 औरतों का एक ही बैंक अकाउंट चल रहा था, अज़ब गड़बड़ बैंक की
पानीपत | यह कहानी तहसील कैंप के पंजाब नेशनल बैंक में 2014 में खुले एक जनधन खाते की है. इसके दो मालिक हैं. दोनों का नाम पुष्पा है, उनके पति का नाम नरेश है और दोनों वधावाराम कॉलोनी की रहने वाली हैं. 6 साल से दोनों इस खाते का उपयोग कर रही थीं. लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने जनधन के 500 रुपए जमा कराए तो एक महिला रुपए निकालकर ले गई और दूसरी को मिले नहीं.
बैंक वालों ने बताया कि रुपए तो निकल गए. तब मामला खुला. एक महिला अपना नाम पुष्पा और दूसरी पूष्पा लिखती है. दोनों के हस्ताक्षर में बड़े व छोटे उ का अंतर है. फिर भी बैंक वाले 6 साल तक ये गलती पकड़ नहीं पाए और दोनों को रुपए बांटते रहे. 5 माह पहले खुले इस फर्जीवाड़े को ब्रांच के अफसर दबाए बैठे रहे. मंगलवार को मामला एलडीएम के पास पहुंच गया. उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी. अब उसकी मात्रा बताएगी कि किस महिला ने कितने रुपए निकाले हैं और किस पर किसका बकाया है.मामले की शिकायतकर्ता ने कहा कि दूसरी पुष्पा उसके खाते से 9300 रुपए निकालकर ले गई.उसे ये रकम वापस दिलाई जाए.
दोनों के हस्ताक्षर में छोटा उ और बड़े ऊ का अंतर, फिर भी रुपए कैसे निकले, बैंक ने शुरू की जांच
2014 में खुलवाया था खाता : एलडीएम कमल गिरधर ने बताया कि 2014 में दोनों महिलाओं ने जनधन खाते के लिए बैंक में आवेदन किया. नाम, पति का नाम और कॉलोनी एक होने के कारण मानवीय भूल के चलते दोनों महिलाओं को एक ही खाते की पासबुक दे दी. तब से दोनों खाते में छोटा-छोटा लेन देन कर रही थीं. एक बार में 5 हजार से ज्यादा रुपए का लेनदेन नहीं हुआ. छोटा अमाउंट होने के कारण कैशियर हस्ताक्षर को पकड़ नहीं पाया. दोनों पक्षों को बुलाया है. अब जांच कर रहे हैं कि किस पर किसका बकाया है. उससे रुपए वापस दिलाए जाएंगे.
ऐसे खुला इस फर्जीवाड़ा का भेद
पुष्पा ने बताया कि मार्च में उसके खाते में 2500 रुपए बैलेंस था, लॉकडाउन के दौरान 500 रुपए डाले तो 3100 रुपए हो गए. वह रुपए निकालने गई तो कैशियर बोला कि खाता आधारकार्ड लिंक करवाओ, तब रुपए मिलेंगे. मोहल्ले वालों ने उसे बताया कि लिंक कराने की कोई जरूरत नहीं हैं, रुपए मिल रहे हैं. अगले दिन दूसरी महिला खाते से 2500 रुपए निकालकर ले गई. तीसरे दिन पुष्पा बैंक पहुंची कल 2500 रुपए निकालकर ले गई थी, अब 600 रुपए बचे हैं। इस तरह फर्जीवाड़ा खुला.
दूसरी महिला के पास पहुंचता था मैसेज
पुष्पा ने बताया कि उसने ननद सुदेश का मोबाइल नंबर खाते में दिया था, जो बंद हो गया. अब बैंक से मैसेज नहीं आता है. जबकि दूसरी महिला के पास मैसेज पहुंच रहा था. वह 500 या 1000 रुपए जमा कराती थी तो महिला खाते से रुपए निकालकर ले जाती थी. अब तक 9300 रुपए निकाल चुकी है.