मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर कांग्रेस बनाएगी कमेटी, व्हाइट पेपर लाकर कमेटी सरकार को देगी सुझाव…
भोपाल : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि मध्य प्रदेश में जंगलराज की स्थिति बन गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन कर रही है। ये कमेटी पिछले दो महीने में प्रदेश में हुई आपराधिक घटनाओं को लेकर एक व्हाइट पेपर बनाएगी और स्थितियों में कैसे सुधार हो सकता है इसे लेकर सुझाव भी देगी। ये व्हाइट पेपर सरकार को सौंपा जाएगा। इस कमेटी में एससी-एसटी वर्ग से आने वाले सभी विधायक शामिल होंगे।
कानून व्यवस्था को लेकर जीतू पटवारी ने उठाए सवाल
जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में तीन ‘सी’ से ग्रसित है..क़र्ज़, क्राइम और करप्शन। उन्होंने कहिए कि क़रीब नौ बार वो ट्विटर, पत्र और अलग अलग माध्यम से सीएम मोहन यादव से आग्रह किया है कि प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पर ध्यान दें…लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। प्रदेश में रेत माफिया, खनिज माफिया, शिक्षा माफिया और अब राजनीतिक माफिया की भी जड़ें जम चुकी है। सागर और छिंदवाड़ा की घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने पूछा कि प्रदेश के ‘हैप्पीनेस विभाग’ का आख़िर क्या हुआ। अब एससी-एसटी होना जैसे अभिशाप हो गया है। उनपर लगातार अत्याचार हो रहा है और प्रदेश में जंगलराज के हालात बन गए हैं।
कांग्रेस बनाएगी कमेटी, व्हाइट पेपर लाएगी
उन्होंने कहा कि सीएम कांग्रेस को सलाह देते हैं कि हम राजनीति न करें..तो क्या हम उनसे क्लास लें कि विपक्ष का क्या धर्म है। हम एक सकारात्मक विपक्ष का धर्म निभाएँगे और इसी तारतम्य में हम नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन करेंगे। ये कमेटी पिछले दो महीने में मध्य प्रदेश में क़ानून व्यवस्था की जो स्थिति है, जो आपराधिक घटनाएँ हुई हैं उनपर एक पेपर तैयार करेगी। इसी के साथ हम अपने सुझाव भी देंगे और ये पेपर सरकार को सौंपा जाएगा। इस कमेटी में एससी-एसटी वर्ग से आने वाले विधायकों को शामिल किया जाएगा और जल्द ही पूरी लिस्ट जारी होगी। जीतू पटवारी ने कहा कि हम सिर्फ़ आरोप नहीं लगाना चाहते हैं..हम सुधार के लिए सुझाव भी देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरा सरकारी तंत्र अपनी मूल जिम्मेदारी से भटक गया और इसका खामियाजा प्रदेश की जनता ने बदहाल कानून व्यवस्था के रूप में उठाया है। सरकार की लापरवाही से ही मध्यप्रदेश में जंगलराज हो गया है लेकिन हम एक विपक्ष के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी का सही तरीके से निर्वाह करेंगे।