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लोकसभा चुनाव 2024 : प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात दौरे के बीच जयराम रमेश ने किए ये सवाल…

 नई दिल्ली : आज पीएम मोदी अपने गृह राज्य गुजरात में हैं। यहाँ वे रैली और चुनावी सभा में लोगों को संबोधित करेंगे। उनके इस दौरे को लेकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कुछ सवाल किए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को स्मगलिंग, भूमि रिकॉर्ड और पानी की कमी जैसे मुद्दों पर घेरा है।

जयराम रमेश ने पीएम मोदी से किए सवाल

जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा है कि ‘आज गुजरात जा रहे प्रधानमंत्री से हमारे सवाल: 1. गुजरात में बड़े पैमाने पर होने वाले ड्रग स्मगलिंग के कारोबार में प्रधानमंत्री किसे बचा रहे हैं? 2. गलत भूमि रिकॉर्ड के कारण प्रभावित हुए लाखों परिवारों के लिए कौन ज़िम्मेदार है? 3. भाजपा शासन के इतने वर्षों के बाद भी गुजरात पानी की कमी से क्यों जूझ रहा है?’

गुजरात से डग्र स्मगलिंग की तस्करी में वृद्धि को लेकर घेरा

वो आगे लिखते हैं ‘जुमलों की डिटेल:  बीजेपी सरकार ने गुजरात को पाकिस्तान से आने वाले ड्रग तस्करों का केंद्र बना दिया है। कुछ ही दिन पहले, भारतीय तटरक्षक बल, गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने गुजरात के तट से 86 किलोग्राम हेरोइन (600 करोड़ रुपए) ले जा रही एक पाकिस्तानी नाव को जब्त किया था। कुछ दिन पहले, गांधीनगर में दो, अमरेली में एक और राजस्थान के सिरोही में तीन लैब्स से 230 करोड़ रुपए मूल्य का मेफेड्रोन जब्त किया गया था। मार्च में, 480 करोड़ रुपए के नशीले पदार्थ ले जा रहे पाकिस्तानी नागरिकों को पोरबंदर तट से पकड़ा गया था। फ़रवरी में, भारतीय नौसेना और एनसीबी ने हाल के इतिहास में सबसे बड़े ड्रग के तंत्र को उजागर करते हुए पोरबंदर के पास 3,300 किलोग्राम ड्रग्स जब्त किया था। कुछ मामलों में, नशीले पदार्थों के साथ हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किए गए हैं। अपने कार्यकाल के दौरान आतंकवाद और ड्रग्स की तस्करी को कम करने के प्रधानमंत्री के दावों की सच्चाई इन चिंताजनक घटनाक्रमों से उजागर होती है। गुजरात से डग्र स्मगलिंग की तस्करी में वृद्धि का मुक़ाबला करने के लिए प्रधानमंत्री क्या कर रहे हैं? क्या डग्र स्मगलिंग में शामिल लोगों के व्यापक संबंधों की कभी जांच की गई है, जो उन्हें अपने व्यापार को इतनी बेशर्मी से चलाने में सक्षम बना रहे हैं – विशेष रूप से पोर्ट्स के माध्यम से?’

भूमि रिकॉर्ड के मुद्दे पर बीजेपी पर आरोप

कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘गुजरात में भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने के भाजपा के विफल प्रयास से लाखों परिवार संकट में पड़ गए हैं। दिसंबर 2021 तक, राज्य सरकार को अपनी भूमि के पुनर्सर्वेक्षण के सत्यापन की मांग करने वाले परिवारों से 5 लाख से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई थीं। पुनर्सर्वेक्षण करने के लिए नियुक्त की गई निजी एजेंसियों ने बार-बार लापरवाही बरती, जिसके परिणामस्वरूप लाखों गलत रिकॉर्ड तैयार हुए। इन ग़लत रिकॉर्डों के व्यापक प्रभाव हो सकते हैं, संपत्ति लेनदेन में देरी से लेकर किसानों की ऋण तक पहुंच में बाधा, परिवारों के भीतर और पड़ोसियों के बीच विवाद आदि। सबसे भयंकर परिणाम यह हो सकता है कि, संपत्ति के रिकॉर्ड पर मुकदमेबाजी दशकों तक चल सकती है – 2017 के नीति आयोग के पेपर में अनुमान लगाया गया है कि भारत में भूमि विवादों को हल करने में औसतन 20 साल लगते हैं। सरकार ने निजी एजेंसियों पर दोष मढ़ने में जल्दबाजी की, लेकिन प्रभावित हुए लाखों परिवारों की मदद के लिए कोई प्रयास नहीं किया। एजेंसियों को खुली छूट दे दी गई है। प्रधानमंत्री ने उन लाखों परिवारों को उनके हाल पर क्यों छोड़ दिया है जो अब गलत भूमि रिकॉर्ड के कारण फंसे हुए हैं? क्या इस गलती के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर कोई कार्रवाई होगी?’

जलसंकट का मुद्दा उठाया

उन्होंने कहा कि ‘आज जब प्रधानमंत्री गुजरात दौरे पर जा रहे हैं तब उन्हें राज्य में जल संकट पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। गुजरात के 207 जलाशयों में जल स्तर चिंताजनक रूप से 62.38% है, राज्य में केवल 10 जलाशयों में जल स्तर 80% से अधिक है। क्षेत्रवार ढंग से देखने पर और भी चिंताजनक तस्वीर सामने आती है: उत्तरी गुजरात के 15 जलाशयों में जल स्तर 43.77%, कच्छ के 20 जलाशयों में 38.31% और सौराष्ट्र के सूखाग्रस्त क्षेत्र के 141 जलाशयों में यह 36.42% है। राज्य के कुछ जलाशय गर्मी शुरू होने से पहले ही सूख गए थे। देवभूमि द्वारका में गढ़की और सानी, पोरबंदर में अडवाना और अमीपारा और जूनागढ़ में प्रेमपारा का जलस्तर शून्य पर पहुंच गया है। गुजरात के लोगों के लिए पीने के पानी की कमी के अलावा, यह संकट किसानों को भी प्रभावित कर रहा है, जिन्हें नर्मदा से सिंचाई के पानी का वादा किया गया था, लेकिन वर्षों के भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के कारण वे लाभ पाने से वंचित रहे हैं। भाजपा के शासन में गुजरात की यह हालत क्यों हो गई है? प्रधानमंत्री इन मुद्दों को कैसे संबोधित करेंगे?’