राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित संगोष्ठी में सीएम मोहन यादव बोले- “ऐसे प्रयास करें कि विदेश से आकर छात्र MP में पढ़ें”
भोपाल : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा -विविध सन्दर्भ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आज शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किया, इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारी ज्ञान परंपरा गंगोत्री की तरह पवित्र और उज्ज्वल है, यह हमारा सौभाग्य है कि हमने अपनी संस्कृति और ज्ञान परम्परा को अक्षुण्ण रखा है, उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि अब ऐसे प्रयास करें कि विदेश से आकर छात्र MP में पढ़ें, सरकार आपकी मदद के लिए हमेशा साथ है।
शासकीय सरोजनी नायडू कन्या स्वशासी महाविद्यालय भोपाल के स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किया, कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने की, दोनों अतिथियों ने दीप जलाकर कार्यशाला का का शुभारंभ किया, इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार एवं अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।
हमारा सौभाग्य है कि हमने अपनी संस्कृति और ज्ञान परम्परा को अक्षुण्ण रखा है
27 फरवरी और 28 फरवरी को दो दिनों तक चलने वाली कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमने अपनी संस्कृति और ज्ञान परम्परा को अक्षुण्ण रखा है, हमारी ज्ञान परंपरा गंगोत्री की तरह पवित्र और उज्ज्वल है, ज्ञान को किसी सीमा में बांधा नहीं जा सकता है। ऋग्वेद में कहा गया है कि जहां से भी ज्ञान मिले उसे ग्रहण कर लेना जाना चाहिए।
विदेश के लोग भी मध्य प्रदेश में आकर पढ़ें ये प्रयास करें
उन्होंने गुरु के सम्मान और ज्ञान को सर्वोपरि बताते कहा कि कुलगुरु बोलते ही हमें समझ आ जाता है कि ये सम्मान केवल गुरुओं का सम्मान ही नहीं है ये सभी परम्पराओं का सम्मान है भारतीय शिक्षा पद्धति का सम्मान है उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि शिक्षा के पुराने इतिहास को पुनः जीवंत करने के लिए रिसर्च को भी प्रोत्साहन दें, विदेश के लोग भी मध्य प्रदेश में आकर पढ़ें इसके लिए जो करना है करे सरकार आपके साथ रहेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ने की सीएम मोहन यादव की प्रशंसा
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि 2020 के बाद से निरंतर पूरे देश में बदलाव हो रहा है मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य बना है , इसके लिए मोहन यादव को धन्यवाद देता हूँ , कि आपके प्रयासों से मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में जो बदलाव हुए आज वो पूरे देश में प्रेरणा देना वाला बन चुका है।