इंदौर : रीगल के अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन पहुंचने के लिए बनेंगे 3 रास्ते, जमीन जुटाने की कोशिश में लगा प्रशासन…
भोपाल : इंदौर में तेजी से मेट्रो का विस्तारीकरण किया जा रहा है और निर्माण कार्य लगातार देखने को मिल रहे हैं। रिजल्ट टॉकीज चौराहा पर मेट्रो का अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाने वाला है। इस स्टेशन तक पहुंचाने के लिए रेलवे द्वारा तीन रास्ते तैयार किए जाने वाले हैं। यह तीन रास्ते कुछ इस तरह से निकाले जाएंगे कि रीगल के अलावा प्लेटफार्म नंबर एक और नेहरू पार्क के आइलैंड प्लेटफार्म से आसानी से जनता मेट्रो स्टेशन पहुंच सके। इसके लिए रीगल के के आसपास के क्षेत्र से तीन पहुंच मार्ग तैयार किए जाएंगे।
इन चीजों की पड़ेगी जरूरत
रीगल चौराहा शहर के व्यस्ततम चौराहों में से एक है। यहां से लगाकर एयरपोर्ट तक लगभग 8.8 किलोमीटर क्षेत्र में मेट्रो का अंडरग्राउंड हिस्सा तैयार किया जाने वाला है। सात ऐसी अलग-अलग जगह है जहां पर जमीन के नीचे स्टेशन बनाए जाने वाले हैं। अब जहां पर जमीन के नीचे स्टेशन बनेंगे वहां ऊपरी हिस्से में एंट्री और एग्जिट मार्ग के साथ वेंटीलेशन की जरूरत पड़ने वाली है।
ग्राउंड मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जा सके इसके लिए बड़ी-बड़ी मशीनों को भी जमीन में पहुंचाना पड़ेगा। मेट्रो द्वारा लगातार सात अंडरग्राउंड स्टेशन निर्माण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग के सहयोग से जिला प्रशासन द्वारा मेट्रो के लिए जमीन उपलब्ध करवाने के लिए उद्घोषणा भी की गई है। आने वाले 15 दिन में दावे और आपत्तियों का निराकरण कर निर्माण के लिए जमीन मेट्रो कॉरपोरेशन को दी जाएगी।
कहां कहां बनना है मेट्रो स्टेशन
अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन शहर के सात स्थान पर बनना है। जिसमें रीगल टॉकीज चौराहा, राजवाड़ा, बड़ा गणपति चौराहा, मल्हारगंज, बीएसएफ परिसर और एयरपोर्ट शामिल है। इन सभी स्थानों के आसपास मौजूद जमीनों का कुछ हिस्सा निर्माण के लिए अधिग्रहित किया जाएगा।
मेट्रो लेआउट में कीर्ति स्तंभ
रीगल चौराहा पर मेट्रो स्टेशन का जो लेआउट तैयार किया गया है उसके बीच में महावीर कीर्ति स्तंभ आ रहा है। भगवान महावीर के 2550 महानिर्वाण दिवस के उपलक्ष में 30 साल पहले इस कीर्ति स्तंभ को मनाया गया था। कुछ समय पहले इसके रिनोवेशन का काम भी पूरा हुआ है। यह स्तंभ मेट्रो निर्माण के बीच में आता है तो इसे स्थानांतरित भी किया जा सकता है। हालांकि, अधिकारी इस कोशिश में जुटे हुए हैं कि स्तंभ को बिना शिफ्ट किए ही मेट्रो स्टेशन के लिए सुविधा मिल सके।