स्कूल पर बिजली गिरने से तीन छात्रों की मौत, कलेक्टर बतायें मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया या नहीं ?
आगर-मालवा जिले के ग्राम छोटी सोयतकलां में बीते मंगलवार को एक बड़ा हादसा हो गया। स्कूल परिसर में आकाशीय बिजली गिरने से पेड़ के पास खड़े सात बच्चे बुरी तरह इसकी चपेट में आ गये। एक बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो ने अस्पताल जाते समय दम तोड़ दिया। मृतकों में दो भाई हैं। चार गंभीरों को झालावाड़ (राजस्थान) रेफर किया गया है। कलेक्टर ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रूपये देने को कहा है। हादसे में चंदन (12 वर्ष), कुंदन (15 वर्ष) और भोला (16 वर्ष) की मौत हो गई। चंदन और कुंदन सगे भाई हैं। इधर, रामबाबू (10 वर्ष), अंतर सिंह (12 वर्ष), विशालचन्द्र और कृष्णपाल (14 वर्ष) का इलाज चल रहा है। बता दें कि ये सरकारी स्कूल 2008 में शुरू हुआ था, जिसमें तड़ित चालक नहीं है। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने कलेक्टर आगर-मालवा से एक माह में जवाब मांगकर पूछा है कि मृत बच्चों के परिजनों को मुआवजा दिया भी है या नहीं ?
मप्र मानव अधिकार आयोग में के हस्तक्षेप पर उमूदु के विक्रेता से होगी वसूली
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर एक शासकीय उचित मूल्य दुकान (उमूदु) के संचालक के विरूद्ध राशि वसूली आदेश जारी कर दिया गया है। मामला गुना जिले का है। ग्राम पंचायत केकड़ी वीरान, चाचौड़ा, जिला गुना निवासी पप्पूलाल बंजारा एवं अन्य ग्रामीणों ने इसी ग्राम पंचायत की शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालक (विक्रेता) के विरूद्ध 15 फरवरी 2022 को आयोग में लिखित शिकायत की थी कि दुकान विक्रेता द्वारा आबाद ग्राम के गरीब लोगों को पिछले तीन माह से राशन नहीं दिया जा रहा है। ये महीने सिर्फ चार दिन ही दुकान खोंलते है। साथ ही निर्धारित वजन से कम अनाज तोलकर गरीब लोगों को अपशब्द बोलकर धमकाते भी है कि मेरी जहां शिकायत करना है, वहां जाकर कर दो, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। आवेदन मिलते ही आयोग ने मामला दर्ज कर लिया और सीधे कलेक्टर गुना से जवाब मांगा। इस पर कलेक्टर गुना ने जिला आपूर्ति अधिकारी के हवाले से बताया है कि जांच में दुकान का पूर्व विक्रेता जमनालाल गुर्जर उचीबड़ी का दोषी सिद्ध पाया गया। जिस पर उससे राशि वसूली कार्यवाही का आदेश एसडीएम कोर्ट, चाचौड़ा (जिला गुना) द्वारा जारी कर दिया गया है। चूंकि दोषी पर दण्ड कार्यवाही कर दी गई है, अतः आयोग में यह मामला समाप्त कर दिया गया है।