पुलिस आरक्षक भर्ती में धांधली को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिए जांच के आदेश
भोपाल: एमपी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (एमपीपीईबी) द्वारा आरक्षक भर्ती परीक्षा में फिजिकल टेस्ट के लिए पात्र व अपात्रों अभ्यर्थियों की सूची 24 मार्च को जारी की गई। लेकिन इसमें कई गड़बड़ियां सामने आईं, जिससे अभ्यर्थी आक्रोशित हो गए। सोमवार को ऐसे ही कुछ अभ्यर्थियों ने पीईबी और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बंगले का घेराव कर कटआफ और अंक सूची जारी करने की मांग की थी। उनकी शिकायतों का संज्ञान लेते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने मंगलवार को मीडिया से चर्चा के दौरान स्वयं इस बात की जानकारी दी। जांच मैप आइटी (मध्यप्रदेश एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नॉलोजी) के सहयोग से कराई जाएगी।
दरअसल, जब अभ्यर्थियों ने आनलाइन परीक्षा दी थी, तभी उन्हें अंक बता दिए गए थे। अब पीईबी द्वारा जारी सूची में विसंगतियां सामने आई हैं। कम अंक वाले को पात्र घोषित कर दिया गया है, जबकि अधिक अंक वालों को अपात्र।
बेरोजगार युवा संघ के नेतृत्व में सोमवार को करीब 50 युवाओं ने पीईबी का घेराव कर आरक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम को वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग की। युवाओं का कहना है कि मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 का रिजल्ट हाल ही में जारी किया गया, जिसमें बड़े स्तर पर धांधली, भ्रष्टाचार किया गया है। बेरोजगार युवा संघ के अध्यक्ष दिनेश सिंह चौहान एवं अन्य साथियों का कहना है कि पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में बड़े लेवल पर भ्रष्टाचार हुआ है। 80 नंबर लाने वाले अभ्यर्थियों को पात्र ना कर कम नंबर लाने वाले को क्वालिफाइड कर दिया गया है। इस दौरान अभ्यर्थी शुभी गुप्ता ने कहा कि मेरे सामान्य श्रेणी में 76 अंक आए थे, लेकिन मुझे अपात्र घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि किस आधार पर अपात्र किया गया है। वहीं धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि मुझे 76 अंक मिले हैं, जबकि मेरे दोस्त को 64 अंक आए हैं, लेकिन उसका चयन हो गया। मेरा नहीं हुआ, जबकि मैं फिजिकल टेस्ट के लिए तैयारी कर रहा था। युवाओं की मांग है कि पीईबी अपनी पारदर्शिता को सिद्ध करते हुए आरक्षक भर्ती परीक्षा का प्रथम चरण का रिजल्ट अपने आफिशियल वेबसाइट पर अपलोड करे, ताकि पता चल सके कि अभ्यर्थियों को कितने-कितने अंक मिल सके हैं।
अभ्यर्थियों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के बाद पीईबी ने भी एक विज्ञप्ति जारी कर अपना पक्ष रखा था। पीईबी ने लिखा कि प्रथम चरण का परिणाम पुलिस मुख्यालय मप्र द्वारा हस्ताक्षरित नियम पुस्तिका के आधार पर घोषित किया गया है। छह हजार पदों के लिए प्रथम चरण में पांच गुना यानी कि करीब 30 हजार अभ्यर्थियों की मेरिट सूची पुलिस विभाग को उपलब्ध कराई गई है। इसमें रैंडम मेरिट लिस्ट दी गई है, ताकि यह पता नहीं लगाया जा सके कि कौन अभ्यर्थी ऊपर है और कौन नीचे हैं। प्रथम चरण के रिजल्ट में कटआफ या मेरिट लिस्ट के अंक बता देने से फिजिकल टेस्ट प्रभावित होने की संभावना रहती है। फिजिकल टेस्ट में पात्र पाए जाने के आधार पर फाइनल सूची निकाली जाती है, जिसमें कटआफ एवं अंक दर्शाए जाते हैं। पीईबी ने यह भी कहा है कि अगर किसी भी अभ्यर्थी को कोई शंका है तो वे सभी साक्ष्यों के साथ अपना आवेदन बोर्ड कार्यालय में प्रस्तुत करें।