पहले खुद सेना में थे, अब युवाओं को सेना में भर्ती कराने की खाई है कसम
रीवा शहर के सेमरिया क्षेत्र के अंतर्गत बहुरि बांध में रहने वाले भूतपूर्व सैनिक दिवाकर द्विवेदी इलाके में हीरो बने हुए हैं. कारण है देश के लिए दिख रहा उनका जज्बा. दिवाकर ने इन दिनों युवाओं के लिए सेना में भर्ती होने का निशुल्क प्रशिक्षण देकर एक मिसाल पेश की है. उनके इस काम को देखकर फिर साबित होता है कि देशसेवा के लिए वर्दी पहनना जरूरी नहीं है. इच्छाशक्ति हो तो कहीं से भी या वर्दी के बिना भी देशसेवा की जा सकती है.
100 लोगों को भर्ती कराने का लक्ष्य
एक्स आर्मी-मैन दिवाकर द्विवेदी की किए जा रहे इस कार्य की चारों ओर सराहना की जा रही है. वो पिछले 3 सालों से गांव-गांव घूमकर युवाओं को ना सिर्फ सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते हैं बल्कि नौजवानों को इसके लिए मुफ्त प्रशिक्षण भी देते हैं. उनकी दी गई ट्रेनिंग से निकले 20 जवानों का अभी तक आर्मी में सिलेक्शन हो चुका है. वहीं दिवाकर द्विवेदी ने आने वाली आर्मी भर्ती में 100 लोगों को भर्ती कराने का लक्ष्य रखा है, जिसको लेकर वो कमर कस चुके हैं और युवाओं के साथ लगातार मेहनत कर रहे हैं.
युवाओं को जगाने के लिए तिरंगा यात्रा
दिवाकर द्विवेदी जैसे लोग साबित करते हैं कि देश के लिए कुछ करने का हौसला हो तो समय और उम्र मायने नहीं रखता है. बगैर किसी सुविधाओं के भी लोग देश सेवा में जुट सकते हैं. इसी हौसले पर काम कर रहे हैं रीवा के एक छोटे से गांव के रहने वाले दिवाकर द्विवेदी. वो 2019 में आर्मी से रिटायर होकर अपने गांव वापस आ गए थे, लेकिन उन्होंने देश सेवा के लिए काम जारी रखा. इसके लिए वो ट्रेनिंग भी देते हैं और समय-समय पर युवाओं को जगाने के लिए तिरंगा यात्रा भी निकालते हैं.
2019 में आर्मी से हुए रिटायर
ट्रेनिंग के लिए वो रोजाना सुबह 4 बजे उठकर अलग-अलग गांवों के भ्रमण पर निकल जाते हैं. इस समय वो 500 के करीब युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं. दरअसल बचपन से ही दिवाकर खेलकूद में रुचि रखते थे, जिसके बाद साल 2002 में वो भारतीय सेना में भर्ती हुए और 17 सालों की सर्विस कंप्लीट कर 2019 में रिटायर हो गए. इसके बाद उन्होंने अपनी बची हुई जिंदगी देश सेवा के लिए ही देने का फैसला लिया.