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बापू इस तरह मनाते थे अपना हैपी बड्डे

देशभर में कल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन पर गांधी जयंती का आयोजन होगा. इस मौके पर सरकार और गांधीवादी संस्थाओं की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. सफाई से लेकर अहिंसा के पाठ तक लोग अलग-अलग तरीके से बापू को याद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं अपने जन्मदिन के दिन गांधी क्या करते थे …

गांधीवादी विचारक रामचंद्र राही के अनुसार, शायद गांधीजी जन्मदिन नहीं मनाते थे, लेकिन लोग उनके जन्मदिन का जश्न मनाते थे. उन्होंने 100 साल पहले गांधी के कहे कथनों का जिक्र करते हुए कहा, जब साल 1918 में गांधीजी ने अपना जन्मदिन मनाने वालों से कहा था ‘मेरी मृत्यु के बाद मेरी कसौटी होगी कि मैं जन्मदिन मनाने लायक हूं कि नहीं.’

फिर अपने जन्मदिन दो अक्टूबर को बापू करते क्या थे?

देशभर में फैलीं गांधीवादी संस्थाओं की मातृ संस्था, गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष, रामचंद्र राही ने  कहा कि यह गंभीर दिन होता था, इस दिन वह ईश्वर से प्रार्थना करते थे, चरखा चलाते थे और ज्यादातर समय मौन रहते थे. किसी भी महत्वपूर्ण दिन को वह इसी तरह मनाते थे.

बता दें क‍ि 15 जून, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में घोषित किया गया. भारत में गांधी प्रार्थना सभाओं और राजघाट नई दिल्ली पर विशेष रूप से गांधी प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि देकर राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाई जाती है.

महात्मा गांधी की समाधि पर राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में प्रार्थना आयोजित की जाती है, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था.  इस दिन उनका सबसे पसंदीदा और भक्ति गीत रघुपति राघव राजा राम उनकी स्मृति में गया जाता है. पूरे भारत में इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी आयोजित किया जाता है.