सरकार से कोई मतलब नहीं: ग्वालियर में बाढ़ से हुए नुकसान के सर्वे की आपत्तियों का ग्रामसभाओं में ही हो रहा है निपटारा
भोपाल: मध्य प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बारिश ने कई इलाकें में संपित्त को बड़ा नुकसान पहुॅचाया था, इसमें ग्वालियर-चंबल अंचल प्रमुख था. ग्वालियर के नुकसान का सर्वे किया गया और उसके बाद जिनके नाम सर्वेक्षण में नहीं आए और जिन्हें आपत्तियां थी उनका गांव वालों के बीच ही पहुॅचकर सरकारी अमले ने निपटारा किया. अतिवृष्टि एवं बाढ़ से प्रभावित जिले के 46 गाँवों में भी जिला स्तरीय अधिकारियों की मौजूदगी में विशेष ग्राम सभायें आयोजित हुईं. कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह द्वारा जिला स्तर से नियुक्त किए गए इन अधिकारियों ने ग्राम सभा में फसल क्षति सहित अन्य नुकसान की सर्वे सूची पढ़कर सुनाई. साथ ही पंचायत भवनों पर यह सूची चस्पां की. जिला स्तरीय अधिकारियों ने उन लोगों के आवेदन भी लिए, जिन्होंने इस आशय की आपत्ति दर्ज कराई थी कि सर्वे में उनका नाम शामिल नहीं है. उनकी इस आपत्ति का निराकरण पूरे गाँव के लोगों की मौजूदगी में ग्राम सभा में ही कराया गया.
कलेक्टर सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन की टीमों द्वारा बाढ़ प्रभावित प्रत्येक ग्राम में बारीकी से सर्वेक्षण किया गया है. सर्वे के आधार पर मकान, पशु हानि, फसल नुकसान इत्यादि के लिए राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत राहत भी वितरित की गई है. ग्राम सभाओं के माध्यम से इसका सत्यापन कराने के साथ-साथ एक बार फिर से दावे-आपत्तियां लेकर उनका निराकरण कराया गया है.
उन्होंने कहा कि इसके बाबजूद भी यदि किसी को आपत्ति हो तो वह कलेक्ट्रेट में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है. इसके लिये 18, 19 व 20 सितम्बर को विशेष काउंटर संचालित रहेगा.
बाढ़ प्रभावित 46 गाँवों सहित जिले की सभी ग्राम पंचायतों में 15 सितम्बर को विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन हुआ. इन ग्राम सभाओं में डेंगू एवं मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के उपाय, कोरोना टीकाकरण, आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में वन वाटिका लगाने के लिये स्थल चयन व वृक्षारोपण, सीएम समाधान इत्यादि विषयों पर चर्चा हुई.