तालिबानी हुकूमत अब कर रही है पत्रकारों पर हमले
तालिबानी हुकूमत में अभिव्यक्ति की आजादी को सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है। प्रदर्शनकारियों पर गोलियों की बरसात होने के साथ साथ प्रदर्शन को कवर करने वाले पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं। हिरासत में लेकर उन्हें बेरहमी से पीटा जा रहा है।
सोशल मीडिया पर इस समय काबुल के एक मीडिया संस्थान Etilaatroz के दो पत्रकारों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में उनके जख्मी शरीर को देखकर ही उन्हें दी गई यात्नाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। दोनों ही पत्रकारों के पूरे शरीर पर चोट के निशान हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पत्रकारों की तस्वीरें नेमत नकदी और ताकि दरयाबी की हैं। यह दोनों 7 सितंबर को काबुल में हुए प्रोटेस्ट मार्च को कवर करने गए थे। प्रदर्शन की कवरेज के ही दौरान कुछ तालिबानी आतंकी आए और इन्हें अपने साथ काबुल पुलिस स्टेशन ले गए।
दोनों पत्रकारों को अलग-अलग सेल में रखा गया और उन्हें बेरहमी से पीटा गया। पत्रकारों को एक दिन जेल में रखा गया। 8 सितंबर को इन्हें रिहा कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल दोनों पत्रकार अस्पताल में है।
नेमत नकदी के हवाले से विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में उल्लेख किया जा रहा है कि हम चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहे थे कि हम पत्रकार हैं। लेकिन उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी। मुझे लगा जैसे वे लोग अब मुझे मार ही डालेंगे। इसी दिन तालिबान ने प्रोटेस्ट को अपने कैमरा में कैद कर रहे टोलो न्यूज़ के कैमरामैन को भी कब्जे में लिया था। लेकिन तालिबान ने उसी दिन कैमरामैन को छोड़ दिया था।