शिवराज सरकार की बेरोजगारी की मार, नियुक्ति नहीं मिलने से परेशान चयनित शिक्षक ने की आत्महत्या
मध्य प्रदेश के हजारों चयनित शिक्षक पिछले 3 साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे इन शिक्षकों के अब सब्र का बांध टूटने लगा है। नियुक्ति नहीं मिलने से परेशान खरगोन में एक चयनित शिक्षक ने आत्महत्या कर ली है। कांग्रेस ने इसे सुसाइड नहीं बल्कि मर्डर करार देते हुए शिवराज सरकार को निशाने पर लिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक खरगोन जिले के अकावलिया गांव के रहने वाले 35 वर्षीय राकेश पाटीदार को भी राज्य सरकार ने 3 साल पहले शिक्षक के रूप में चयन किया था। उच्च माध्यमिक शिक्षक परीक्षा के कृषि विषय के मेरिट में जनरल केटेगिरी मे राकेश पाटीदार की 5वीं रैंक थी। वे पिछले तीन साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे और आखिर में मंगलवार रात वह हिम्मत हार गए।
राकेश पाटीदार ने अपने घर पर ही कीटनाशक जहर पी लिया। इस दौरान उनके 8 वर्षीय बेटे ने भी उन्हें जहर पीते देख लिया। राकेश जब जहर पीकर चले गए तब उनके बेटे ने भी जहर पी लिया। जहर से राकेश की मौत हो गई वहीं बेटे की हालत नाजुक है। फिलहाल राकेश के बेटे को इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा है। 8 वर्षीय मासूम इस बात से भी अनजान है कि उसके सर से पिता का साया उठ चुका है।
कांग्रेस ने इस पूरे मामले पर शिवराज सरकार को निशाने पर लिया है। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने इसे हत्या करार दिया है। सिंह ने कहा कि, ‘ये आत्महत्या नहीं हत्या है, जिसके लिए खरीदी हुई बीजेपी सरकार जिम्मेदार है, जो इनके अधिकारों पर कुंडली मार कर बैठी हुई है।’