मध्य प्रदेश में बेरोजगारी को लेकर शिवराज सरकार बेसुध
भोपाल: मध्य प्रदेश में बेरोजगारी को लेकर एक तरफ कांग्रेस लगातार शिवराज सरकार पर हमलावर है। लेकिन शिवराज सरकार में मंत्री विश्वास सारंग को मध्य प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी की जानकारी तक नहीं है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने यह बात खुद कबूली है। एक हिंदी वेब पोर्टल ने अपनी एक रिपोर्ट में चिकित्सा शिक्षा मंत्री के इस बयान का उल्लेख किया है।
हाल ही में CMIE ने अपनी एक रिपोर्ट में अगस्त महीने में देश भर में बढ़ी बेरोजगारी का खुलासा किया है। जिसके मुताबिक मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर 3.5 फीसदी है। रिपोर्ट के सामने आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ विपक्ष ने अपना विरोध तेज़ कर दिया। बेरोजगारी के इस आंकड़े पर कांग्रेस ने जब शिवराज सरकार से जवाब मांगा तब चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने यही कहा कि उन्हें इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं है।
विश्वास सारंग से जब बेरोजगारी के मुद्दे पर जवाब मांगा गया तब उन्होंने शिवराज सरकार का बचाव करते हुए कहा कि बेरोजगारी दर बढ़ने पर जो रिपोर्ट आई है, उसकी उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन सरकार लागतार काम कर रही है। 15 वर्षों से मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज रहने वाली शिवराज सरकार के मंत्री ने पंद्रह महीने की कांग्रेस की कमल नाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कमल नाथ सरकार ने एक भी युवा को रोजगार नहीं दिया।
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने बेरोजगारी के मसले पर शिवराज सरकार को जवाब देने के लिए कहा था। भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि तीन महीने में तीन फीसदी से ज्यादा बेरोजगारी दर कैसे बढ़ी है? भूपेंद्र गुप्ता ने शिवराज सरकार पर सिर्फ बड़े बड़े और खोखले वादे करने का आरोप लगाया।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने हाल ही में बेरोजगारी पर अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक अकेले अगस्त महीने में देश भर में 15 लाख लोगों की नौकरी चली गई। इनमें 13 लाख नौकरियां ग्रामीण क्षेत्रों में चली गई। वहीं 36 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार के लिए भटकना पड़ा।