लॉकडाउन में की थी शादी, दोस्त को नहीं बुलाया, अब दोस्त ने कर दी दूल्हे की कुटाई
कोरोना ने भारतीय समाज की कई परम्पराएं बदल दीं. पहले शादियों में सैकड़ों लोगों को बुलाया जाता था, लेकी अब सिफ परिवारों के बीच में ही शादी हो जा रही है. शादियों में न तो ज्यादा रिश्तेदार शामिल हो पा रहे हैं और न ही यार दोस्त. ऐसी ही एक शादी दो महीने पहले भिंड में हुई. जोकि दूल्हे को अब भरी पड़ गई. उसने कोरोना की वजह से पाने दोस्तों नहीं बुलाया. शादी में सिर्फ परिवार ही शामिल हुआ. शादी में निमंत्रण न देने पर गांव के युवक ने शादी के दो महीने बाद दूल्हे की पिटाई कर दी.
दूल्हे की पिटाई का यह सनसनीखेज मामला भिंड के चंदुपुरा से सामने आया है. गांव के ही एक युवक को शादी में ना बुलाने की सजा दो महीने बाद मार खाकर चुकानी पड़ी. पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस से की है, जिस पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी युवक की तलाश शुरू कर दी है.
पार्टी के लिए मांगे 500 रुपए, नहीं देने पर कूट दिया
चंदुपुरा में रहने वाले दूल्हे दिलीप राठौर की शादी में उसने दोस्तों और गांव वालों को नहीं बुलाया था. जिसपर गांव के नरेंद्र कुशवाह ने शादी के नाम पर उससे शराब की पार्टी के लिए 500 रुपए मांगे. लेकिन दिलीप ने उसे 100 रुपये दे दिए. तो उसको दे दिए.
जिसपर नरेंद्र को गुस्सा आ गया और उसने दिलीप की जमकर पिटाई कर दी. जिससे उसके चेहरे, आंख और शरीर पर कई चोटें आई हैं. वह किसी तरह उसके चंगुल से छूटकर भागा और देहात थाने पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई.
लॉकडाउन के दौरान हुई थी शादी
पीड़ित दूल्हे दिलीप के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान 26 मई को उसकी शादी थी. लेकिन कम लोगों के साथ शादी करने के आदेश के चलते सिर्फ सीमित रिश्तेदारों की उपस्थिति में शादी समारोह सम्पन्न कराया गया. रविवार को रक्षाबंधन के दिन गांव के रहने वाले नरेंद्र कुशवाह ने शादी के नाम पर पार्टी मांगी और पैसे न देने पर उसके साथ मारपीट कर दी.
आरोपी को तलाश रही है पुलिस
पुलिस का कहना है कि पीड़ित की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं, उसके आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.
बता दें कि शादी में ना बुलाने पर नाराजगी का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी 23 अप्रैल को भिंड के चतुर्वेदी नगर में एक साले ने भांजे की शादी में ना बुलाने पर अपने जीजा पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें पीड़ित बाल-बाल बचा था.