खाद घोटाले की बढ़ रही आशंका, किसानों के साथ सरकार कर रही धोखेबाजी
अमानक बीज के बाद मध्य प्रदेश के किसान इस समय घटिया खाद को अपनी फसल में उपयोग करने के लिए मजबूर हैं. आलम ये है कि इन दिनों राज्य में खाद की गुणवत्ता टेस्ट कराने के लिए भीड़ लगी हुई है, लेकिन सच सामने आने नहीं दिया जा रहा है.
किसानों को मिल रहा है घटिया क्वालिटी का खाद
केदार सिरोही का आरोप है कि खाद निर्माता कंपनियों और खाद विक्रेताओं की सांठगांठ से की जाने वाली कालाबाजारी प्रदेश में बड़े उर्वरक घोटाले का कारण बनी है. वहीं राज्य सरकार द्वारा किसानों को खाद पर बढ़ाई गई सब्सिडी भी प्रदेश में धड़ल्ले से हो रहे खाद घोटाले का ही एक हिस्सा है.
केदार शंकर सिरोही ने खाद निर्माता कंपनियों के बारे में खुलासा करते हुए बताया कि इस समय प्रदेश में एक भी ऐसी कम्पनी नहीं है जो कि निर्धारित गुणवत्ता का खाद विक्रय करती हो. सिरोही ने बताया कि किसानों तक अमानक खाद पहुंचाने की इस प्रक्रिया में खाद निर्माता कंपनियों और खाद विक्रेताओं के साथ साथ कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत भी होती है. खाद परीक्षण लैब में खाद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए खाद निर्माता कंपनियों से हजारों रुपए की उगाही की जाती है और यही अमानक खाद सहकारी समितियों के ज़रिए किसानों के खेतों में पहुंचता है.