मोदी जी जब इजराइल गये, तबसे ही शुरू हुआ पेगासस जासूसी मामला – कमलनाथ
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने पेगासस जासूसी मामले में फिर हमला बोला है. उन्होंने केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा सौंपने की मांग की है. जिसमें सरकार दावे के साथ कहे कि सरकार कोर्ट में शपथ-पत्र देकर कहे कि उसने ऐसा कोई सॉफ्टवेयर नहीं खरीदा है.
इसके साथ ही कमलनाथ ने कहा कि इस कांड से हमारे अधिकारों पर सबसे बड़ा हमला हुआ है. उन्होंने कहा कि यह पिछले कुछ दिनों में सामने आया है और अगले 15 दिनों में यह मामला और गरमाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के जज करें जांच
कमलनाथ ने इसके साथ ही इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से कराने की मांग की और कहा कि सरकार विपक्षी नेताओं को विश्वास में ले. उन्होंने कहा कि जांच करने वाला न्यायाधीश भी वैसा होना चाहिए जिसकी पहले से जासूसी न की गई हो.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पेगासस मामले का खुलासा कांग्रेस ने नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2017 में इजरायल के दौरे पर गए थे. यह जासूसी भी 2017 और 2018 में शुरू हुई. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में मोबाइल फोन कंपनियों के जरिए लाखों लोगों की निगरानी की गई है.
फ़्रांस सरकार ने जांच शुरू की तो भारत ने क्यों नहीं
कमलनाथ ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए फ्रांस ने जांच शुरू कर दी है. अन्य देश भी जल्द ही जांच शुरू करने जा रहे हैं तो भारत में इसकी जांच क्यों नहीं हो रही? उन्होंने कहा कि फैन्टम जैसे दूसरे स्पाई सॉफ्टवेयर भी इसी तरह के हैं. उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या आपने अन्य सॉफ्टवेयर भी खरीदे हैं? कमलनाथ ने कहा कि CERT ने 2019 में एक संवेदनशील नोट दिया था.
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर सरकार हलफनामा देती है कि उन्होंने खरीदा नहीं है तो भी किसी न किसी ने को इसे खरीदा ही होगा. हो सकता है कि चीन ने इसे खरीदा हो और जासूसी कराई हो लेकिन सबसे पहले सरकार को कोर्ट में एक हलफनामा देना होगा.