उत्तर प्रदेश से संगठन में नई जान लाना चाह रही हैं प्रियंका गांधी
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं. वैसे-वैसे राजनीति जोर पकडती जा रही है. और जबसे प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव हुए हैं तब से राज्य की राजनीति नई करवट लेने लगी है. एक ओर कई बैठकों के भारतीय जनता पार्टी योगी आदित्यनाथ के ही नेतृत्व में सियासी रण में उतरने का ऐलान कर चुकी है, वहीं बाकी दल भी नए साथी या खुद के दम पर लोहा लेने की पूरी तैयारी में जुट गए हैं. इन्हीं सब हलचलों के बीच प्रियंका गांधी के यूपी दौरे पर हर किसी की पैनी नजर है.
उत्तर प्रदेश प्रवास के पहले दिन प्रियंका गांधी ने पहले लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. उसके बाद वो वहीं मौन व्रत व धरने पर बैठ गयीं. जिसके बाद वहां हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा. राजनैतिक पंडित बताते हैं कि कांग्रेस में ऐसी उर्जा का संचार कई वर्षों के बाद देखने को मिला. कार्यकर्ताओं के हुजूम और उत्साह को देखकर प्रियंका गांधी निश्चित ही खुश हुई होंगी.
लखनऊ में गांधी प्रतिमा के आगे प्रियंका ने मौन व्रत करके योगी सरकार को कड़ा संदेश दिया ही. साथ ही संकेत भी दिए कि आगामी दिनों में कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार पर और भी आक्रमक होगी. मौन व्रत के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर चुन-चुनकर हमला बोला. उन्होंने प्रदेश की बिगडती कानून व्यवस्था व कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान अव्यवस्था को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला. साथ ही उन्होंने ट्विटर से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरा. उन्होंने ट्वीट करके कहा मोदी जी के सर्टिफिकेट से यूपी में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान योगी सरकार की आक्रामक क्रूरता, लापरवाही और अव्यवस्था की सच्चाई छिप नहीं सकती. लोगों ने अपार पीड़ा, बेबसी का सामना अकेले किया। इस सच्चाई को मोदीजी, योगीजी भूल सकते हैं, जिन्होंने कोरोना का दर्द सहा, वे नहीं भूलेंगे.”
लखीमपुर की पीड़ित महिला से मिलकर लगाया दर्द पर मरहम
लखीमपुर खीरी में प्रियंका ने पसगंवा ब्लॉक निवासी उस महिला से मुलाकात की, जिनके साथ ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में अभद्रता हुई थी. नामांकन वाले दिल महिला की साड़ी खींचने का मामला सामने आया था. साथ ही प्रियंका ने दूसरी महिलाओं से भी भेंट की. उन्होंने बीजेपी व सरकार को चेतवानी देते हुए कहा कि, “लोकतंत्र का चीरहरण करने वाले भाजपा के गुंडे कान खोलकर सुन लें, महिलाएँ प्रधान, ब्लॉक प्रमुख, विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री बनेंगी और उनपर अत्याचार करने वालों को शह देने वाली सरकार को शिकस्त देंगी. पंचायत चुनाव में भाजपा द्वारा की गयी हिंसा की शिकार अपनी सभी बहनों, नागरिकों के न्याय के लिए मैं राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखूँगी.”
परिणाम पक्ष में नहीं आए तो करवा दी हिंसा
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों की परवाह किए बिना पंचायत चुनाव करवाए, क्योंकि उसने यह सोचा था कि परिणाम उसके पक्ष में आएंगे. मगर परिणाम उनकी इच्छा के अनुसार नहीं आए. इसलिए जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख चुनावों में हिंसा करवा दी. अराजकता प्रदेश सरकार खुद फैला रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा राज में संविधान पर प्रहार की घटनाएं पहली बार नहीं हो रही हैं, लेकिन अब स्तर इतना गिर गया है कि प्रशासन, पुलिस और हर चीज का इस्तेमाल किया जा रहा है. हम यहां लोकतंत्र के पक्ष में खड़े होने आए हैं.
यूपी विधानसभा चुनावों से कांग्रेस में नई जान फूंकना चाहती हैं प्रियंका
राजनीति पर नजर रखने वाले कहते हैं कि प्रियंका समेत कांग्रेस पार्टी को समझ आ चूका है कि बिना उत्तर प्रदेश के दिल्ली बहुत दूर है. 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हैं. जिसे अच्छा मौका मानते हुए कांग्रेस अपने लिए मौके बना रही है. अगर बात करें प्रियंका गांधी की तो वो सक्रिय राजनीति में 2019 के आम चुनाव से पहले ही आईं थीं. उस वक्त भी वह उत्तर प्रदेश में ही सक्रिय रही थीं. लेकिन तब के हालात बहुत अलग थे. अब जनता में मौजूदा सरकार के प्रति रोष है. जिसे कांग्रेस अपने पक्ष में भुनाना चाह रही है. और इसी रणनीति के तहत प्रियंका गांधी सक्रिय हुई हैं. जानकार बताते हैं कि अगर प्रियंका गांधी यूँ ही सक्रियता बनाये रखती हैं तो कार्यकर्त्ता भी मन से काम करेंगे और संगठन में नई जान भी आएगी. लेकिन अगर पिछले कुछ वक्त को देखें तो पार्टी में किसी भी मुद्दे को लेकर सक्रियता सिर्फ कुछ दिनों तक ही रही है.
नोट : यह लेखक के अपने निजी विचार हैं , ग्वालियर खबर का इससे कोई सरोकार नहीं है।
लेखक: सुधांशु गौड़