कई बैठकों के बाद भी अपने समर्थकों निगम-मंडलों में फिट नहीं कर पाए सिंधिया
भोपाल। तीन दिन तक मध्य प्रदेश के दौरे के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली वापस लौट गये. इन तीन दिनों के दौरान सिंधिया ने भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से बंद कमरों में बैठकें कीं. हालांकि इन बैठकों का कोई नतीजा नहीं निकला. आपको बता दें कि सिंधियां की यह बैठकें अपने समर्थकों को निगम-मंडलों में फिट करने के लिए थी. जहाँ उनको सीधा जवाब दे दिया गया कि इनकी नियुक्ति दिल्ली हाई कमान के द्वारा ही की जाएगी. दिल्ली से जो नाम तय होंगे, उन्हें ही जिम्मेदारी दी जाएगी.
बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि सिंधिया मोदी कैबिनेट में प्रस्तावित कैबिनेट विस्तार से पहले उनके समर्थकों को विभिन्न राजनीतिक पदों पर समाहित किया जाए. सिंधिया का कहना है कि जिस तरह से प्रदुम्न सिंह लोधी और राहुल लोधी को निगमों की जिम्मेदारियां दी गई हैं, वैसे ही उपचुनाव हारे हुए उनके समर्थक नेताओं को भी निगम-मंडल में जगह दी जाए. इसके साथ ही उनकी मांग है कि जो नेता कांग्रेस संगठन में पदाधिकारी थे, उन्हें भी बीजेपी के संगठन में जगह दी जाए.
निगम-मंडलों में अपने समर्थकों की नियुक्ति कोम लेकर जब प्रदेश संगठन ने मना कर दिया. तब सिंधिया अपनी मांग को संघ के दरवाजे पर लेकर पहुंचे. प्रदेश प्रमुख वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के बाद सिंधिया संघ के कार्यालय पहुंचे. जहाँ उन्होंने संघ के मध्यक्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते से मुलाकात की. यह मुलाकात पहले से तय नहीं थी. इस बैठक में क्या बातचीत हुई? यह भी बाहर नहीं निकला. लेकिन प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की बैठकों के बाद इस बैठक का एक ही मतलब निकाला गया. निगम-मंडलों में अपने समर्थकों की नियुक्ति. लेकिन संघ ने भी इसमें कोई हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया.