सरकार ने रेमेडेसिविर के 4000 इंजेक्शन मंगवाए और अस्पतालों ने 12 हजार कैसे लगा दिए – पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत
कोरोना आपदा में इस्तेमाल हुए इंजेक्शन और दवाओं को लेकर विपक्ष अब सरकार से ऑडिट मांग रहा है. पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत में सरकार से कोरोना काल में उपयोग में लाई गई रेमडेसिविर इंजेक्शन, आवश्यक दवाओं में शामिल फेबीफ्लू, टेमीफ्लू समेत अन्य दवाओं की आपूर्ति और मध्य प्रदेश में इसकी खपत को लेकर ऑडिट की मांग की है.
पूर्व वित्त मंत्री का मानना है कि अगर 4000 रेमडेसिविर इंजेक्शन मध्य प्रदेश में आए, लेकिन अस्पतालों में 12000 इंजेक्शन लग गए तो आखिर इतनी बड़ी खेप कहां से आई. सरकार को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि न जाने कितनी नकली दवाएं प्रदेश में खपा दी गईं.
पहले ही सामने आ चुका बड़ा रैकेट- भनोत
पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने कहा- ऐसा नहीं है कि सारी दवाएं नकली हों लेकिन फिर भी अचानक कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की मौत और स्वास्थ्य में आए परिवर्तन को लेकर अब दवाओं पर भी प्रश्नचिन्ह उठने लगा है. नकली रेमडेसिविर का रैकेट पहले ही सामने आ चुका है. ऐसे में आशंका है कि आवश्यक दवाओं की भी कॉपी कर नकली दवाओं को बाजार में वितरित कर दिया हो.