रेमडेसिविर इंजेक्शन से मरने वालों के परिजनों को मिले 10 लाख रुपए का मुआवजा – जीतू पटवारी
प्रदेश की शिवराज सरकार लगातार कांग्रेस के नेताओं निशाने पर है. पहले पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर सवाल उठाए थे अब पूर्वमंत्री जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार को घेरा है. पटवारी ने ऑक्सीजन की कमी, रेमडेसिविर जैसी दवाओं की कालाबाजारी करने वालों के प्रति सरकार के ढुलमुल रवैये पर सवाल खड़े किए हैं.
बुधवार को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के प्रदेश मीडिया विभाग के अध्यक्ष ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से मरने वालों के परिजनों को 10 लाख मुआवजे की मांग की है. उन्होंने सवाल उठाया कि लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले गिद्धों के प्रति सरकार का रवैया नरम क्यों है. जबलपुर का सरबजीत सिंह हो या उज्जैन का अभय विश्वकर्मा या फिर रतलाम का आरोपी, इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. हालांकि जीत जब ये सवाल कर रहे थे तब तक गुजरात पुलिस कार्रवाई करने जबलपुर पहुंच गई थी.
पटवारी ने नदी में बहकर आ रहे शवों पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि कहां तो सरकार को कोरोना चेन तोड़ना था लेकिन मौत की चेन सरकार ने बना दी है. उन्होंने मांग की कि हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता वाली कमेटी बनाकर रेमडेसिविर घोटाले की जांच होनी चाहिए. कोरोना काल में महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है, पेट्रोल डीजल के दाम 100 से ज्यादा हो गए हैं बढ़ते बिजली के बिल ने घर का सिस्टम बिगाड़ दिया है. इस पर सरकार क्या कर रही है. पटवारी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़े पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने भी सरकार के नर्म रुख पर प्रहार किया. शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि व्यवस्थाएं नहीं सुधरीं तो वे कोरोना के बाद धरने पर बैठेंगे.