हरिद्वार कुम्भ में पुण्य कमाने गए थे, लौटे तो कोरोना लेकर आए
अभी तक कोरोना वायरस शहरों में तांडव मचा रहा था. गांव इससे कुछ हद तक बचे हुए थे. लेकिन अब गाँवों में भी कोरोना फैल गया है. भोपाल के आसपास लगे गांव में कोरोना तेजी से फैल रहा है. इसकी मुख्य वजह ये मानी जा रही है कि हरिद्वार में कुंभ से लौटे लोगों के कारण संक्रमण फैला है.
इन लोगों ने अपना इलाज भी नहीं करवाया और गांव में आना-जाना जारी रहा. इसलिए संक्रमण तेज़ी से फैल गया. कुंभ से लौटे कुछ लोगों की मौत भी हुई है. इनमें से किसी ने भी अस्पताल में इलाज नहीं करवाया इसलिए इनका कोई ठोस आंकड़ा सरकार के पास नहीं है.
माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा लोगों की मौत सर्दी खांसी बुखार के बाद इलाज कराने के दौरान हो रही है. झोलाछाप डॉक्टरों से ग्रामीण इलाज करा रहे हैं. कई गांव में जादू टोने का सहारा लिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि ग्रामीण इलाकों में कुंभ से आए लोगों की वजह से भी संक्रमण तेजी से फैला है.
50 से ज़्यादा गांव चपेट में
शहर के आसपास बैरसिया, गुनगा, आदमपुर छावनी, कोलार, रातीबड़, खजूरी, परवलिया, सुखीसेवनिया, बिलखिरिया समेत 50 से ज्यादा गांवों में कोरोना संक्रमण अचानक तेजी से बढ़ा. यहां बुखार सर्दी खांसी की वजह से ग्रामीण बीमार हो रहे हैं. ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव की वजह से ना ही अपनी कोरोना जांच करा पा रहे हैं और ना ही उन्हें दूसरी स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध हो पा रही हैं. ऐसे में झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे इलाज चल रहा है.
क्या कह रहे हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 5 गांव में 3 हफ्ते में 2539 मरीजों में कोरोना के लक्षण पाए गए. जबकि 87 मरीज पॉजिटिव पाए गए. हल्के लक्षण वाले ग्रामीणों को होम आइसोलेशन और दवा मुहैया कराई जा रही है. बैरसिया और गुनगा से लगे आस-पास के गांव में तेजी से संक्रमण फैल रहा है. वहां पर लोगों की जान भी जा रही है.
कुंभ में पुण्य कमाने गए और लौटे तो कोरोना लाए
गांव में जागरुकता की कमी और स्वास्थ सुविधाओं के अभाव की वजह से कोरोना तेजी से फैला. इन गांवों में कुम्भ से लौटे लोगों की वजह से कोरोना पहुंचा. कुंभ से लौटे बैरसिया और उसके आसपास के गांव में कई लोगों की जान भी जा चुकी है. इन लोगों को कोरोना के लक्षण थे, लेकिन उन्होंने इलाज नहीं कराया. उनकी मौत के बाद गांव में हुए पारंपरिक कार्यक्रम की वजह से यह संक्रमण तेजी से दूसरे लोगों में भी फैल गया.
इसलिए सच सामने नहीं आ पा रहा
दरअसल ग्रामीण इलाकों में कोरोना के लक्षण की वजह से जिन लोगों की मौत हो रही है, उनका कोई डाटा तैयार नहीं किया गया है. ऐसे लोग इलाज के लिए अस्पताल नहीं पहुंचे. उन्होंने गांव में झोलाछाप डॉक्टर से अपना इलाज करवाया. गांव में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होने की वजह से लोगों ने बाहर निकलना ठीक नहीं समझा. ऐसे में कोरोना से कितने ग्रामीणों की मौत हुई है इसका ठीक ठीक आंकड़ा नहीं है. अब सरकार ने ग्रामीण अंचलों पर फोकस किया है और स्वास्थ सुविधाओं को पहुंचाने का दावा किया जा रहा है.