आठ सूत्रीय मांगों को लेकर बिजली आउटसोर्स कर्मचारी बैठे हड़ताल पर
कोरोना के इस संकटकाल में प्रदेश के हजारों बिजली आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. इस हड़ताल से अब बिजली सप्लाई, मेंटेनेंस से लेकर कई कामों पर असर पड़ा है. वर्तमान में प्रदेश में 45000 बिजली आउटसोर्स कर्मचारी हैं. इनकी मुख्य मांग खुद को कोरोना योद्धा घोषित कराना है.
मध्य प्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के सह संयोजक राहुल मालवीय ने बताया कि बिजली कंपनी के मैदानी अमले को कोरोना यौद्धा घोषित किया जाना चाहिए. संगठन ने सरकार के आदेश को विसंगति वाला बताया है. सिर्फ कोविड-19 केयर सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों को कोरोना यौद्धा माना गया है.
मध्य प्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के सह संयोजक राहुल मालवीय ने कहा कि संगठन ने सभी तरह के मैदानी अमले को कोरोना यौद्धा की श्रेणी में शामिल करने की मांग की है. मालवीय ने कहा कि सरकार ने 8 मई को बिजली कंपनी से जुड़े फ्रंटलाइन कर्मचारियों को कोरोना यौद्धा योजना में शामिल करने का आदेश जारी किया था, लेकिन किसी ने अभी तक उसकी सुध नहीं ली है.
ये हैं 8 सूत्रीय मांगें
• बिजली विभाग को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना में शामिल किया जाए.
• विद्युत दुर्घटना में मृत कर्मचारी के परिवार को 2000000 रुपए का मुआवजा प्रदान किया जाए.
• बिजली आउट सोर्स कर्मचारी का बिजली कंपनियों में संविलियन किया जाए.
• बिजली कंपनियों में आउटसोर्स कर्मचारियों के जो नए टेंडर हुए हैं, उसमें आउट सोर्स कंपनियों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है. उस पर तुरंत लगाम लगाई जाए.
• बिजली कंपनियों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए.
• बिजली कंपनियों द्वारा बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों को अग्रिम चिकित्सा राशि में शामिल किया जाए.
• बिजली कंपनियों में आउटसोर्स कर्मचारियों के नए टेंडर हुए हैं. इसमें पुराने बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों को निकाला जा रहा है. इन कर्मचारियों को यथावत नौकरी पर रखा जाए.
• बिजली कंपनियों से ठेकेदारी प्रथा खत्म कर नई नियमित भर्तीमें बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए.