चुनाव हुए खत्म, अब पेट्रोल-डीजल के दामों में आग लगना शुरू
2 महीनों से स्थिर पेट्रोल-डीजल के दाम फिर बढ़ना शुरू हो गए हैं. पिछले 4 दिनों से लगातार 4 बार इनके दामों में बढ़ोत्तरी हो चुकी है. इससे पहले लगभग 70 दिनों पहले तेल के दामों में उछाल देखने को मिला था. लेकिन जब 5 राज्यों में चुनावों ने जोर पकड़ा, तब इनके दाम कुछ स्थिर हो गए.
इस दौरान इनके दामों में कुछ कमी भी हुई थी. हालांकि अंतराष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में उछाल आया था, लेकिन सरकारी तेल कंपनियों ने दामों को नहीं बढ़ाया. अब चुनाव खत्म होते ही दामों में आग लगने लगी है.
आपको बता दें पिछले दिनों विपक्ष के नेताओं समेत कई लोग सरकार से पेट्रोल-डीजल के दाम करने की मांग कर रहे थे. उस वक़्त सरकार का जवाब था कि पेट्रोल-डीजल के दाम बाजार के हवाले है. सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती है. लेकिन चुनावों के दौरान स्थिर रहे दाम बड़े सवाल पैदा करती है. पेट्रोलियम मंत्रालय के एक कर्मचारी नाम ण छापने की शर्त पर हमें बताते हैं कि चुनाव के वक़्त सरकार की तरफ से अधिकारिक तौर पर निर्देश आ जाते हैं कि चुनावों के वक़्त दाम स्थिर रखे जाएं, जिससे चुनावों में इसे मुद्दा न बनाया जा सके.
आपको बता दें कि बढ़ते दामों की वजह से मध्य प्रदेश के कई जगहों पर पेट्रोल 100 रुपए के ऊपर बिक रहा है. लेकिन यहां पर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना कर्फ्यू की वजह से पेट्रोल-डीजल की खपत कम है, लेकिन दाम बढ़ते जा रहे हैं. अब तो लोग सरकार से पूछने भी लगे हैं कि इस सरकार कौन सा अर्थशास्त्र है जो उल्टे नियम चला रहा है.