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इंदौर से फिर होने लगा मजदूरों का पलायन

पिछले साल लॉकडाउन के दौरान हुए पलायन की उन भयानक तस्वीरों को कौन ही भूल सकता है. हर तरफ सड़कों पर लोगों का मजमा था. कोई भूखे पेट तो कोई नंगे पैर ही घर की ओर जा रहा था. कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लगे लॉकडाउन के बाद पिछले साल देश ने आजादी के बाद सबसे बड़ा पलायन देखा. अब ऐसी ही कुछ तस्वीरें मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से एक बार फिर सामने आने लगी हैं. वो भी तब, जिस वक्त इंदौर में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 10 हजार पार कर चुकी है. इन्हीं आंकड़ों को देख इंदौर में 19 अप्रैल सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन लगा है.

मजदूरों की मदद को आगे आया प्रशासन

15 अप्रैल 2020 को ही केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन 2.0 लगाया था. अब इंदौर शहर से सटे बाईपास स्थित हाईवे पर गरीब मजदूरों के पलायन की तस्वीरें नजर आने लगीं. जिसे देख प्रशासन ने मजदूरों की सहायता के लिए टेंट लगा दिए हैं. राउ थाना प्रभारी नरेंद्र रघुवंशी ने बताया कि कुछ स्थानों पर टेंट लगाकर लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है.

पलायन करते मजदूरों के लिए पिछले साल ही इंदौर पुलिस ने टेंट लगाकर खाना उपलब्ध कराने समेत अन्य सुविधाएं दी थीं. अब इस बार फिर राऊ बायपास पर पुलिस ने एक हजार स्क्वायर फीट का टेंट लगा दिया है. यहां देश के अन्य शहरों से इंदौर आने वाले, इंदौर से बाहर जाने वाले और अन्य सभी पलायनकर्ताओं के लिए पुलिस ने मदद के इंतजाम किए हैं. यहां मजदूरों को टेंट की छाव में आराम की व्यवस्था और खाने-पीने के इंतजाम के साथ ही दवाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं.

मजदूरों को सता रहा लॉकडाउन बढ़ने का डर

इंदौर में फिलहाल 19 मार्च की सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन लगा है. ऐसे में मजदूरों को डर है कि अगर तालाबंदी आगे बढ़ गई तो उन्हें और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए इस बार सख्त लॉकडाउन के पहले ही उन्होंने पलायन करना शुरू कर दिया. लोग ऑटो, बाइक और ट्रक के अलावा पैदल भी अपने घरों की ओर जाते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान शहर में फंस गए तो खाने तक को नहीं मिलेगा, गांव में कम से कम ठीक से खा तो सकेंगे.