पुलिस की संवेदनहीनता, कोरोना संक्रमित व्यक्ति को घर से निकाल कर पीटा
मध्य प्रदेश पुलिस की संवेदनहीनता का एक और मामला सामने आया है. मध्य प्रदेश के खंडवा में पुलिस टीम एक कोरोना संक्रमित मरीज के घर पहुंची. यहां विवाद बढ़ने पर पुलिसकर्मियों ने मरीज पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए. इस बीच जब माता-पिता और बहन ने बीच बचाव करना चाहा तो पुलिस उन पर भी पुलिस ने डंडे बरसाना शुरू कर दिए.
पुलिस ने सभी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले भी दर्ज कर दिए. मामला सामने आने के बाद SP ने टीआई गणपतलाल कनेल को लाइन अटैच कर दिया. वहीं स्थानीय विधायक राम दांगोरे ने भी कहा कि इसकी जानकारी वह मुख्यमंत्री को देंगे और सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करवाएंगे.
परिजनों की स्वास्थ्य विभाग की टीम से बहस
घटना खंडवा के थाना छैंगांवमाखन के गांव सिरसोद बंजारी की है. यहां चार दिन पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम राम पटेल के घर पहुंची. टीम उनके बेटे ललित का सैंपल लेने आई थी. सैंपल की रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई. इसके बाद टीम ललित को लेने के लिए घर पहुंची. इस पर घरवालों न कहा कि बेटा घर पर रहकर ही स्वस्थ हो जाएगा, क्योंकि संक्रमित युवक की मां लक्ष्मीबाई खुद आशा कार्यकर्ता हैं.
इसी बात को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों और परिजनों में कहासुनी हो गई. मामला बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस को सूचना दे दी. आरोप है कि मौके पर पहुंची पुलिस ने संक्रमित युवक और परिजन को घर से निकाला और लाठियों से पीटना शुरू कर दिया. किसी ने इस घटना का मोबाइल से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. वहीं, पुलिस का कहना है कि उनके साथ हाथापाई की गई. इसके बाद उन्होंने डंडे मारे.
पुलिस ने दर्ज किए केस
पुलिस ने छैगांवमाखन स्वास्थ्य केंद्र की डॉ. अपूर्वा कुशवाह ने संक्रमित युवक व उसके परिजन के खिलाफ शिकायत दी. इस पर पुलिस ने युवक ललित समेत उसके पिता श्रीराम पटेल, माता लक्ष्मीबाई व बहन रानू सभी निवासी ग्राम बंजारी पर आईपीसी की धारा 353, 332, 342, 34, 506, 294, 188 और आपदा प्रबंधन की धारा 52 के तहत केस दर्ज किया.