कैलाश विजयवर्गीय ने सरकार के खिलाफ उठाए सवाल
इंदौर: मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच पाबंदियों का दौर शुरू हो गया हैं. कोरोना संक्रमण के कारण राजधानी भोपाल के साथ इंदौर समते प्रदेश के कई जिलों में लॉकडाउन के कारण होली फीकी पड़ गई हैं. कोरोना की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार लगातार बैठकें कर कड़े फ़ैसले ले रहीं हैं. बता दे कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण जुलूस, सामूहिक आयोजन रोक लगा दी गई हैं. वहीं, भोपाल में सुबह 6:15 बजे होली जलाने का फैसला लिया गया हैं. जबकि, इंदौर की होलिका दहन को प्रतिबंधित कर दिया गया हैं. यहां होली पर रोक को लेकर विरोध शुरू हो गया हैं.
इंदौर में होलिका दहन रोकने के जिला प्रशासन के फैसले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने आप्पत्ति जताते हुए सवाल खड़े किए हैं. कैलाश विजयवर्गीय का बयान ऐसे वक्त में आया है जब खुद सीएम शिवराज ये कह चुके हैं कि कोरोना की रोकथाम के लिए सख्त फैसले लेने होंगे. दरअसल, शुक्रवार को कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट करते हुए लिखा की – इंदौर जिला प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से होलिका दहन नहीं करने के आदेश दिए हैं. ये बेहद आपत्तिजनक फैसला हैं. मेरा आग्रह है कि प्रशासन इस फैसले पर पुनर्विचार करे. इससे जनता की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी.
मालूम हो कि कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के बीजेपी के बड़े नेता हैं और उनके जिला प्रशासन के फैसले पर आपत्ति उठाने के बाद यह तय माना जा रहा है कि जनता भी जिला प्रशासन के फैसले को गंभीरता से अब न ले. सवाल ये भी उठ रहा है कि सरकार और जिला प्रशासन की ओर से कोरोना के प्रकोप को देखते हुए होली पर्व को सीमित करना और कैलाश विजयवर्गीय का उसका विरोध करना आखिरकार आम जनता पर कितना असर डालेगा? यदि अगर कोरोना का कहर बढ़ता है तो फिर इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा?